लखनऊ: निजी अस्पताल हों या निजी स्कूल, पूरी तरह निरंकुश हो चुके हैं। कोरोना काल में निजी अस्पतालों की हकीकत किसी से छिपी न रह गई, तो वहीं रही-सही कसर निजी स्कूल पूरी कर रहे हैं।
प्रदेश
सरकार ने कक्षा आठ तक के सभी परिषदीय, मान्यता व सहायता प्राप्त
विद्यालयों में 20 मई तक शिक्षक, अनुदेशक व शिक्षा मित्रों के लिए वर्क
फ्रॉम होम के आदेश जारी किए हैं। पहले यह अनुमति 30 अप्रैल तक थी, उसे
बढ़ाया गया है। सरकार ने संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह निर्णय
लिया है, मगर निजी स्कूल रोजाना शिक्षकों को बुला रहे हैं। इसके चलते
शिक्षक संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं।
गंभीर बात
यह है कि स्कूलों के इस तानाशाही रवैये की जानकारी प्रशासनिक अमले को भी
है, मगर इनकी ऊंची रसूख के चलते कोई भी अधिकारी इन पर हाथ डालने की हिम्मत
नहीं जुटा पाता।
हमारे सभी शिक्षक वर्क फ्रॉम होम
पर हैं। सभी घर से ही आनलाइन क्लास ले रहे हैं, किसी शिक्षक को स्कूल नहीं
बुलाया जा रहा है। जब तक स्थिति सामान्य नहीं होगी तब तक किसी को बुलाया
भी नहीं जाएगा।
डा. जगदीश गांधी, संस्थापक, सिटी मांटेसरी स्कूल (सीएमएस)
किसी
भी शाखा में शिक्षकों को नहीं बुलाया जा रहा है। सभी शिक्षक आनलाइन क्लास
ले रहे हैं। फीस जमा करने य अन्य ऑफिस वर्क के लिए एक-दो लोग ही अल्टरनेट
डेज में बुलाए जा रहे हैं।
अनिल अग्रवाल, एमडी, सेंट जोसफ ग्रुप ऑफ स्कूल्स
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