अखिलेश सरकार चुनावी दांव चलते हुए बेसिक शिक्षा परिषद के संचालित स्कूलों के शिक्षामित्रों को समायोजित करने की कवायद में जुट गई है। 1बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव नीतीश्वर कुमार ने मंत्रीपरिषद के निर्णय के दो दिन के अंदर ही अहम पहल करते हुए बेसिक शिक्षा निदेशालय को नियमावली बनाने का आदेश जारी कर दिया है। उन्होंने गुरुवार को जारी आदेश में निदेशालय से दो दिन के अंदर समायोजन प्रस्ताव का प्रारूप उपलब्ध कराने को कहा है। उल्लेखनीय है कि 28 फरवरी को हुई मंत्रीपरिषद की बैठक में बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक स्कूलों में संविदा पर तैनात 1.7 लाख शिक्षामित्रों को ट्रेनिंग के बाद समायोजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। महज 3500 रुपये मासिक मानदेय पा रहे शिक्षामित्र खुद को लंबे समय से स्थायी शिक्षक बनाने की मांग कर रहे हैं। अब सवाल यह है कि शिक्षामित्रों को किस पद पर समायोजित किया जाएगा? समायोजित होने पर कितना वेतनमान मिलेगा? सबसे बड़ा पेंच तो शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को लेकर फंसा है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने कहा है कि 23 अगस्त 2010 के बाद पहली से लेकर आठवीं तक की कक्षा में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य है। बाद में हाईकोर्ट ने भी अपने आदेश में इसे सही ठहराया। शिक्षामित्रों को स्थायी शिक्षक बनाने के लिए उन्हें टीईटी से छूट मिलेगी या नहीं, इस पर भी अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। शिक्षामित्रों के समायोजन में उन्हें टीईटी से छूट दिए जाने के सवाल पर सचिव बेसिक शिक्षा नीतीश्वर कुमार ने कहा कि नई नियमावली बनाने के दौरान इस बिंदु पर न्याय विभाग से राय ली जाएगी। 1वर्ष 2001 में शिक्षामित्र योजना शुरू की गई थी। इसके तहत इंटर उत्तीर्ण युवक- युवतियों को उनके गांव या पास के ही स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए संविदा पर तैनात किया गया। समाजवादी पार्टी ने विधानसभा चुनाव में अपने घोषणा पत्र में शिक्षामित्रों को स्थायी शिक्षक बनाने का वादा किया था। शिक्षामित्र प्रकरण16शासन ने निदेशालय मांगा प्रस्ताव
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शिक्षामित्र समायोजन : शासनादेश जारी, नियमावली प्रारूप दो दिन में
01 February, 2014
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