अमर उजाला, लखनऊ-शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में गड़बड़ी रोकने के लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी फूंक-फूंक कर कदम उठा रहा है। टीईटी में इस बार 8,98,534 अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किए हैं।
परीक्षा में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो इसके लिए केंद्रों पर कड़ी व्यवस्था की जा रही है। इस बार प्रत्येक 20 परीक्षार्थियों पर एक कक्ष निरीक्षक तैनात करने की व्यवस्था की गई है।
परीक्षा 22 व 23 फरवरी को दो-दो पालियों में होगी। बेसिक शिक्षा परिषद के कक्षा 8 तक के स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य कर दिया है।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की अधिसूचना के मुताबिक टीईटी साल में दो बार आयोजित की जानी चाहिए, लेकिन उत्तर प्रदेश में वर्ष 2011, 2013 के बाद फरवरी 2014 में आयोजित की जा रही है।
परीक्षा तैयारियों को लेकर सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी नीना श्रीवास्तव ने केंद्र व्यवस्थापकों को दिशा-निर्देश भेज दिए हैं।
परीक्षा कक्ष में परीक्षार्थियों के बैठने की व्यवस्था इस प्रकार की जाएगी ताकि एक पंक्ति में बैठने वाला दूसरे से बात न कर सके। प्रश्न पुस्तिकाएं चार सीरीज की हैं। अंग्रेजी, उर्दू व संस्कृत भाषा के प्रश्न एक ही प्रश्न पुस्तिका में होंगे।
प्रत्येक 20 परीक्षार्थियों पर एक कक्ष निरीक्षक तैनात किया जाएगा। अनुभवी शिक्षकों को ही कक्ष निरीक्षक बनाया जाएगा। प्रत्येक कक्ष निरीक्षक से यह प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा कि उनका संबंधी या आश्रित इस परीक्षा में नहीं बैठ रहा है।
परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थियों को परीक्षा शुरू होने से 30 मिनट पहले प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। परीक्षार्थियों को प्रवेश पत्र अपने साथ रखना होगा।
वे मोबाइल, कैलकुलेटर, किताबें व नोटबुक कक्ष में नहीं ले जा सकेंगे। दृष्टिबाधित व शारीरिक रूप से अशक्त परीक्षार्थियों को लेखक की सुविधा देने की व्यवस्था होगी।
लेखक को अपने साथ लाना होगा और उसकी योग्यता इंटर से अधिक नहीं होनी चाहिए। दृष्टिबाधित परीक्षार्थियों को 30 मिनट का अधिक समय दिया जाएगा।
परीक्षा में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो इसके लिए केंद्रों पर कड़ी व्यवस्था की जा रही है। इस बार प्रत्येक 20 परीक्षार्थियों पर एक कक्ष निरीक्षक तैनात करने की व्यवस्था की गई है।
परीक्षा 22 व 23 फरवरी को दो-दो पालियों में होगी। बेसिक शिक्षा परिषद के कक्षा 8 तक के स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य कर दिया है।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की अधिसूचना के मुताबिक टीईटी साल में दो बार आयोजित की जानी चाहिए, लेकिन उत्तर प्रदेश में वर्ष 2011, 2013 के बाद फरवरी 2014 में आयोजित की जा रही है।
परीक्षा तैयारियों को लेकर सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी नीना श्रीवास्तव ने केंद्र व्यवस्थापकों को दिशा-निर्देश भेज दिए हैं।
परीक्षा कक्ष में परीक्षार्थियों के बैठने की व्यवस्था इस प्रकार की जाएगी ताकि एक पंक्ति में बैठने वाला दूसरे से बात न कर सके। प्रश्न पुस्तिकाएं चार सीरीज की हैं। अंग्रेजी, उर्दू व संस्कृत भाषा के प्रश्न एक ही प्रश्न पुस्तिका में होंगे।
प्रत्येक 20 परीक्षार्थियों पर एक कक्ष निरीक्षक तैनात किया जाएगा। अनुभवी शिक्षकों को ही कक्ष निरीक्षक बनाया जाएगा। प्रत्येक कक्ष निरीक्षक से यह प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा कि उनका संबंधी या आश्रित इस परीक्षा में नहीं बैठ रहा है।
परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थियों को परीक्षा शुरू होने से 30 मिनट पहले प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। परीक्षार्थियों को प्रवेश पत्र अपने साथ रखना होगा।
वे मोबाइल, कैलकुलेटर, किताबें व नोटबुक कक्ष में नहीं ले जा सकेंगे। दृष्टिबाधित व शारीरिक रूप से अशक्त परीक्षार्थियों को लेखक की सुविधा देने की व्यवस्था होगी।
लेखक को अपने साथ लाना होगा और उसकी योग्यता इंटर से अधिक नहीं होनी चाहिए। दृष्टिबाधित परीक्षार्थियों को 30 मिनट का अधिक समय दिया जाएगा।
परीक्षा में कब क्या
22 फरवरी को पहली पाली प्रात: 10 से 12.30 बजे तक उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा। दूसरी पाली 2.30 से 5 बजे तक उच्च प्राथमिक स्तर की भाषा परीक्षा। 23 फरवरी को पहली में प्राथमिक और दूसरी पाली में प्राथमिक भाषा की परीक्षा होगी।
News- Amar Ujala
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