22 July, 2014

खंडपीठ में सुना जाएगा शिक्षामित्रों का मामला

इलाहाबाद (ब्यूरो)। प्रदेश में लगभग पौने दो लाख शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर समायोजित करने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर अब दूसरी बेंच सुनवाई करेगी। सोमवार को इस प्रकरण पर न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल की पीठ में सुनवाई होनी थी। प्रकरण जब सुनवाई के लिए उनके समक्ष आया तो प्रदेश सरकार के अधिवक्ता द्वारा कहा गया कि चूंकि इस याचिका में कानून की वैधानिकता को चुनौती दी गई है इसलिए सुनवाई का क्षेत्राधिकार खंडपीठ को है। प्रदेश सरकार के अधिवक्ता की आपत्ति के बाद जस्टिस पीकेएस बघेल ने याचिका पर सुनवाई के लिए दूसरी पीठ नामित करने हेतु मुख्य न्यायाधीश को संदर्भित कर दिया। मामले में जल्दी सुनवाई की मांग को देखते हुए अदालत ने कहा है कि यदि संभव हो तो याचिका पर 23 जुलाई को सुनवाई की जाए।
अब इस मामले में बुधवार को सुनवाई होने की संभावना है। शिवम राजन और कई अन्य द्वारा दाखिल याचिकाओं में 19 जून 2014 को जारी शासनादेश को चुनौती दी गई है। कहा गया है कि एनसीटीई द्वारा तय अर्हता के अनुसार सहायक अध्यापक होने के लिए टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य है। हाईकोर्ट की पूर्णपीठ ने भी यही मत दिया है।
याचिकाओं में प्रदेश सरकार द्वारा बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली में किए गए संशोधन की वैधानिकता को भी चुनौती दी गई है।
वन विभाग की ग्रुप डी भर्तियों पर जवाब तलब
इलाहाबाद। वन विभाग में ग्रुप डी भर्तियों के लिए जारी विज्ञापन पर हाईकोर्ट ने वन विभाग से जवाब मांगा है। भर्ती प्रक्रिया में वन विभाग पर मनमानी करने का आरोप है। इसे लेकर याचिका दाखिल की गई है। कहा गया है कि सुप्रीमकोर्ट में अंडरटेकिंग देने के बाद भी विभाग ने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित किए बिना 1427 पदों पर सीधी भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर दिया। याचिका पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता ने प्रमुख सचिव वन और मुख्य वन संरक्षक से दस दिन में इस मामले पर निजी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। 
News Source - Amar Ujala

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