- मुकाम की ओर शिक्षक भर्ती
- डायट में 29 अगस्त से होगी तीन दिवसीय काउंसिलिंग
- पौने तीन साल बाद 72,825 शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ
- बेसिक शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला
इलाहाबाद-शिक्षामित्रों का दूसरा बैच नियुक्ति पत्र नहीं
मिलने से बेचैन है। प्रथम बैच के शिक्षामित्रों को नियुक्ति पत्र मिलने के
बाद दूसरे बैच वालों ने सक्रियता बढ़ा दी है। शासन पर परीक्षाफल जल्द घोषित
कराने का दबाव बनाया जा रहा है। अब ये शिक्षामित्र नियुक्ति के लिए लामबंद
होने लगे हैं। शिक्षकों की कमी और संसाधनों के अभाव से पटरी से उतरी
प्राथमिक विद्यालयों की पठन-पाठन व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए शासन ने
शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाने का निर्णय किया है। प्रथम बैच में
प्रशिक्षित 58826 शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद का नियुक्ति पत्र
सौंपा जा चुका है, लेकिन दूसरे बैच के शिक्षामित्रों को लेकर अभी तक कोई
कार्रवाई नहीं हुई। (शेष पेज 13)1राज्य ब्यूरो, लखनऊ : परिषदीय स्कूलों
में 72825 शिक्षकों की भर्ती के लिए पौने तीन साल से बाट जोह रहे
अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी है। शिक्षक भर्ती के लिए मेरिट सूची में शामिल
अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग 29, 30 व 31 अगस्त को कराई जाएगी। सोमवार को
सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता की अध्यक्षता में विभागीय और नेशनल
इन्फार्मेटिक्स सेंटर (एनआइसी) के अधिकारियों की बैठक में यह फैसला हुआ।
1यह काउंसिलिंग प्रदेश के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) में
होगी। काउंसिलिंग के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद
(एससीईआरटी) ने कंप्यूटर पर अभ्यर्थियों के टीईटी रोल नंबर दर्ज कर उनका
समस्त डाटा एनआइसी को उपलब्ध करा दिया है। इस डाटा के आधार पर एनआइसी
अभ्यर्थियों की जिलेवार और आरक्षण की श्रेणीवार मेरिट सूची तैयार करेगा,
जिसके आधार पर काउंसिलिंग के लिए कट ऑफ अंक जारी किए जाएंगे। कट ऑफ अंक के
आधार पर अभ्यर्थियों को अपने दस्तावेजों सहित काउंसिलिंग के लिए संबंधित
डायट पर उपस्थित होना पड़ेगा। चूंकि शिक्षकों की इस भर्ती में एक-एक
अभ्यर्थी ने कई जिलों में आवेदन किया है। ऐसे में किसी अभ्यर्थी का नाम एक
से ज्यादा जिलों की कट ऑफ मेरिट में शामिल हो सकता है। एक अभ्यर्थी का चयन
एक से ज्यादा जिलों में होने की स्थिति में वह किसी एक जिले को चुनेगा और
बाकी में अपना दावा छोड़ेगा। ऐसी स्थिति में जिलों की कट ऑफ मेरिट भी कई
बार खिसकेगी जिसकी वजह से काउंसिलिंग के आगामी चरण भी आयोजित कराए जाएंगे।
1शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया कई झंझावातों से गुजरी है। नवंबर 2011 में
मायावती सरकार ने शिक्षकों की भर्ती वर्ष 2011 में टीईटी की मेरिट पर कराने
के लिए आवेदन आमंत्रित किये थे। उस समय भर्ती के लिए अभ्यर्थियों की ओर से
69 लाख आवेदन आए थे। टीईटी 2011 के रिजल्ट में घपला उजागर होने पर
तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन को जेल भी जाना पड़ा था। बाद
में अखिलेश सरकार ने शिक्षकों की इस भर्ती को टीईटी की मेरिट के बजाय
शैक्षिक मेरिट पर कराने का फैसला किया। टीईटी की मेरिट पर भर्ती कराये जाने
के पक्षधर अभ्यर्थियों ने इसके विरोध में हाई कोर्ट में याचिकाएं दायर की।
याचिकाओं की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने 20 नवंबर 2013 को अखिलेश सरकार
के फैसले को रद करते हुए टीईटी मेरिट के आधार पर ही शिक्षकों की भर्ती का
आदेश दिया। हाई कोर्ट के इस आदेश को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में
चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने 15 मार्च को अंतरिम आदेश में शिक्षकों की
भर्ती टीईटी मेरिट के आधार पर तीन महीने में पूरा करने को कहा था। बाद में
राज्य सरकार के अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को भर्ती प्रक्रिया पूरी
करने के लिए दो महीने का समय और दिया था।
News Source - Dainik Jagran
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