06 September, 2014

शिक्षा पर राजनीति

देश मैं आज कल सभी नेता कहते है कि शिक्षा पर राजनीति नहीं होनी चहिये लेकिन सब से जयादा  तो वही राजनीति करते है | ये सब शिक्षक दिवस पर ही क्यों याद आता है उस से पहले शिक्षा की किसो को याद नहीं आती है  और आये भी तो क्यों आये उनके बच्चे तो अच्छे स्कूलों में पड़ते है | और उनके बच्चो को कौन सी नौकरी करनी है उनको भी राजनीति  करनी है में किसी राजनेता का नाम नहीं लूंगा पर उस परिवार में जितने भी सदयस है वो सभी  राजनीति में है किसी भी राजनेता को देखो उनका बच्चा कभी आपको क्लीरक , आर्मी , या किसी और सरकारी नौकरी में नहीं मिलेगा. ऐसे राजेताओं को उस गरीब के बच्चे की शिक्षा की याद कैसे आएगी वो चाहे पड़े या न पड़े उनको फर्क नहीं पड़ता है  बस उनका वोट बैंक बढ़ना चहिये . सभी का मूल मात्र एक है हम केवल उस सब्जेक्ट के बारें में बात करेंगे पर काम नहीं करेंगे|  दोस्तों अब  हमें जागना होगा और ऎसे नेताओं को राजनीति से बहार का रास्ता दिखाना. उत्तर प्रदेश में ही लीजये आप को याद होगा जब इलेक्शन के टाइम पर  तो हर डिपार्टमेंट में बल्क में वेकेन्सी निकली गई थी सभी नेता कहतें थे की जल्दी से जल्दी खली पद भरे जायेंगे समाचार पत्रों में भी निकलता था कि उत्तर प्रदेश में नौकरिओं की बाढ़ आ गई है आब वो खाली पद कहा गए . आब तो टीचर्स की वेकेन्सी भी भरना मुसकिल हो रहा है  | उन को पूछो जिन्ह्नोने पता नही कैसे कैसे कर के बी.एड किया है और वो अपनी सरकार की एक आस लगाये बैठे है | जैसे एक सुखग्रत किसान को बारिश का इंतजार होता है वही हालत हो गई है आज हमारे पड़े लिखे लोगो की |

हमारे देश के प्रिमिनिस्टर साहब कहते है कि "बनने नहीं, करने का सपना देखें"  ठीक है आप की भी बात सही है एक बी.टेक का स्टूडेंट अपनी पढ़ाई करता है  तो वो एक अच्छा इंजीनियर बनाने का सपना नहीं देख सकता क्या ? वो स्टूडेंट वही तो मौका तलाश रहा है. में ऐसा क्या करू . ऐसा कह कर सब सरकार आपने दयतावों से भाग रही है.

माध्यमिक शिक्षा मंत्री महबूब अली ने कहा कि आज भी कई ऐसे परिवार ऐसे हैं जो अभावों के कारण बच्चों को स्कूल नहीं भेज पाते". तो आप अभी तक उक कारणों पता भी नहीं लगा पाये की हमारे प्रदेश में लडकिया क्यों स्कूल छोड़ देती है  "सरकार चाहती है कि देश की हर बड़ी कुर्सी पर उत्तर प्रदेश का छात्र ही आगे चलकर बैठे।" पहले मंत्री जी पहले उत्तर प्रदेश एक उन का तो सोच लो जो बेरोजगार है पहले उत्तर प्रदेह में ही बैठा लो  देश में बाद में बैठा लेना.

मोदी जी के कार्यक्रम के अनोउंस होने के बाद तो नेताओं में होड़ लग गई कि  टीचर का सामान हम करेंगे  हम करेंगे उस से पहले कभी याद नहीं आती थी  और ये दिखाने लग गए कि हमसे जयादा टीचर का सामान कोई नहीं कर सकता

हमारे देश में एजुकेशन का स्तर कभी गिर चूका है . लेकिन उत्तर प्रदेश में कुछ जयादा ही गिर चूका है  इस एजुकेशन के स्तर को कैसे सुधरा जाये ये बहुत बड़ा इशू है. इस एजुकेशन को सुधारने कि लिए हम सबको आगे आना पड़ेगा . क्यों कि हम अभी नहीं जगे तो हमारी आने वाली पीढ़ी भी इस दलदल में फस जाएँगी .

जय हिन्द , जय भारत

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