महंगाई भत्ता (डीए) ना मिलने से पैदा हो रहा आक्रोश
एक जुलाई 2014 से कर्मचारियों के डीए में सात फीसद की बढ़ोतरी हो गई है। केंद्रीय कर्मियों को सितंबर महीने में ही 107 प्रतिशत नकद डीए मिल गया लेकिन नवंबर आधा बीतने के बावजूद राज्यकर्मियों को डीए नहीं मिल सका है। इनको डीए नकद नहीं मिलता है, जब डीए की रकम उनके खाते में जाएगी। उसके अगले महीने से ही ब्याज जुड़ेगा। डीए विलंब से मिलने पर सर्वाधिक घाटा सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को हो रहा है वह इसलिए कि उनकी ग्रेच्युटी और अवकाश नकदीकरण का निर्धारण वेतन और डीए जोड़कर होता है। सबसे बड़ी बात यह कि केंद्रीयकर्मियों और राज्यकर्मियों के लिए अलग-अलग डीए की घोषणा होने का असर बाजार पर पड़ता है। कर्मचारियों का डीए छह महीने में एक ही बार बढ़ता है लेकिन बाजार में महंगाई दो बार बढ़ जाती है। एक जुलाई के पूर्व कर्मचारियों को 100 प्रतिशत डीए मिल रहा था।
केंद्रीय कर्मचारियों के साथ ही राज्य कर्मचारियों के डीए की घोषणा भी हो जानी चाहिए। अगर प्रदेश सरकार ऐसा नहीं कर सकती तो जब से डीए देना प्रस्तावित होता है,तभी से ब्याज की गणना भी की जानी चाहिए जिससे राज्य कर्मचारियों का नुकसान न हो।News Source- Dainik Jagran
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