सरकार ने विधानसभा में किया ऐलान: दो साल में तय मानक के अनुसार भर लिए जाएंगे शिक्षकों के पद
2016 तक प्राइमरी स्कूलों में पूरे होंगे शिक्षकपब्लिक स्कूलों को टक्कर देंगे प्राइमरी स्कूल : चौधरी
राजनीतिक दखल रुके तो बदल दें सूरतनई शिक्षा नीति में कक्षा आठ तक छात्रवृत्ति समाप्त करने का प्रावधान
अगले दो साल में प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों के जितने भी खाली पद हैं,
भर लिए जाएंगे। यानी 2016 के बाद इन स्कूलों में शिक्षकों की कमी नहीं रह
जाएगी। इससे शिक्षा का स्तर बेहतर हो जाएगा। सरकार ने मंगलवार को विधानसभा
में यह ऐलान किया कि तब तक सभी प्राथमिक विद्यालयों में मानक के अनुसार
शिक्षकों की नियुक्ति कर दी जाएगी। फिलहाल 72,825 शिक्षकों की भर्ती
प्रक्रिया चल रही है। एक लाख 26 हजार शिक्षकों की भर्ती भी जल्द की जाएगी।
इनमें एक लाख से अधिक शिक्षामित्रों का समायोजन भी किया जाना है।
चौधरी
ने कहा कि परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई का स्तर सुधारने में अब सफलता मिल
रही है और लोगों का विश्वास बढ़ रहा है। मॉडल स्कूलों में कक्षा छह से आठ
तक अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई शुरू की जा रही है। हालांकि न्याय पंचायत स्तर
पर मॉडल स्कूल खोलने के सवाल को वे टाल गए। बसपा के नीरज कुशवाहा के सवाल
के जवाब में उन्होंने कहा कि फिलहाल परिषदीय स्कूलों में एक शिक्षक के साथ
दो शिक्षामित्र तैनात हैं। दो महीने में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करके सभी
विद्यालयों में आवश्यकतानुसार शिक्षकों की तैनाती कर दी जाएगी।
अनुपूरक
सवालों के जवाब में बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि सदन और राजनीतिक दलों
के कार्यकर्ताओं का सहयोग मिले तो प्राथमिक स्कूलों को पब्लिक स्कूलों की
श्रेणी में लाकर खड़ा कर दें। हर स्कूल में शिक्षक नियुक्त हो जाएं। अभी
शिक्षक जुगाड़ भिड़ाकर शहर के पास नियुक्ति करा लेते हैं। सुदूर गांवों में
कोई जाना नहीं चाहता। शहरी क्षेत्रों के निकट तैनात शिक्षकों को भत्ता
मिलता है। विचार किया जा रहा है कि सुदूर गांवों में तैनात शिक्षकों को भी
इसी तरह भत्ता मिले ताकि वे तैनाती पर जाने में आनाकानी न करें।
बेसिक
शिक्षा मंत्री ने शिक्षा के अधिकार अधिनियम के प्रावधानों का उल्लेख करते
हुए सदन में बताया कि प्राथमिक विद्यालयों में 30 छात्रों पर एक शिक्षक तथा
उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 35 छात्रों पर एक शिक्षक का मानक है।
बसपा
के इंद्रजीत सरोज के अनुपूरक सवाल के जवाब में चौधरी ने बताया कि कक्षा एक
से आठ तक के छात्रों को मुफ्त शिक्षा, कॉपी-किताब, ड्रेस व भोजन दिया जाता
है। नई शिक्षा नीति में इन कक्षाओं के छात्रों की छात्रवृत्ति खत्म करने
का प्रावधान है, इसलिए छात्रवृत्ति बंद की गई है। जहां तक अंग्रेजी में
शिक्षा का सवाल है तो सभी प्राइमरी स्कलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी
पढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। मॉडल स्कूलों में हर विषय अंग्रेजी में
पढ़ाने में माहिर शिक्षक ही नियुक्त किए जाएंगे। नेता प्रतिपक्ष स्वामी
प्रसाद मौर्य ने जानकारी चाही कि प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में कुल कितने
छात्र पंजीकृत हैं, कितने शिक्षक हैं, कितने शिक्षकों की कमी है और कब तक
इनकी नियुक्ति कर दी जाएगी? मंत्री ने कहा कि ये सूचनाएं मौर्य को भिजवा
देंगे।
मिड डे मील
चौधरी
ने कहा कि अभी चार-पांच जिलों में अक्षय पात्र संस्था मिड डे मील का काम
संभाल रही है। उससे पूरे प्रदेश का काम संभालने का अनुरोध किया गया है। इसी
तरह की कोई और संस्था आगे आती है तो उसे भी यह काम देने पर विचार किया
जाएगा।
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