02 February, 2015

प्राइमरी स्कूलों में होगी दूर शिक्षकों की कमी : शिक्षा का अधिकार लागू होने के बाद पहली बार होगा जन शक्ति का निर्धारण

शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई एक्ट) लागू होने के बाद पहली बार राज्य सरकार सरकारी प्राइमरी स्कूलों में जनशक्ति निर्धारण करवाने जा रही है। जनशक्ति निर्धारण यानी स्कूलवार छात्र संख्या के आधार पर शिक्षकों की संख्या का निर्धारण होगा।
शासन ने बेसिक शिक्षा परिषद को निर्देश दिया है कि वह जल्द यह ब्यौरा तैयार करे। आरटीई एक्ट लागू होने के बाद छात्र संख्या के आधार पर ही शिक्षकों की संख्या तय होनी थी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। एक्ट के मुताबिक प्राइमरी की कक्षाओं में 30 विद्यार्थी होने पर एक शिक्षक और जूनियर की कक्षाओं में 35 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक होना चहिए। 
अब परिषद स्कूलवार यह ब्यौरा तैयार करेगी कि किस स्कूल में छात्र संख्या के आधार पर कितने शिक्षक हैं और कितने शिक्षकों की जरूरत है। शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए ये कदम इसलिए जरूरी है कि इससे पहले ये आकलन 2011 में किया गया था लेकिन इस पर अमल करने के लिए कोई खास कदम नहीं उठाए गए। शिक्षक लगातार रिटायर होते रहे लेकिन तब से अब तक लगभग 15 हजार भर्तियां ही हुईं।
 
 
News Source-Hindustan

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