सर्व शिक्षा
अभियान के तहत 2011 तक बने 12 हजार स्कूलों में शिक्षकों का अकाल : 36
हजार शिक्षकों के पद रिक्त लेकिन भर्तियों को लेकर कोई पहल नहीं
सर्व शिक्षा अभियान के तहत 2011 तक बने 12 हजार से ज्यादा स्कूलों में
शिक्षकों का टोटा है। हजारों स्कूल भवन बन कर तैयार हैं लेकिन शिक्षकों के
पद सृजित नहीं हैं। ऐसे में सौ-सौ बच्चों को केवल एक शिक्षिका पढ़ा रही
है।
एसएसए के मानक के अनुसार प्रति स्कूल तीन शिक्षक चाहिए। यही वजह है कि 36
हजार शिक्षकों के पद रिक्त हैं लेकिन भर्तियों को लेकर कोई पहल नहीं हुई।
इस दौरान स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ती गई लेकिन जिम्मेदारों की
उपेक्षा की वजह से स्कूलों में विद्यार्थी और शिक्षक संतुलन हाशिए पर हैं।
आरटीई-2011 के तहत स्कूलों में 30 से 35 बच्चों पर एक शिक्षक की तैनाती
का प्रावधान है। इन स्कूलों में पैसे तो खर्च हुए लेकिन सदुपयोग के नाम पर
परिणाम सिफर है। यही वजह है कि प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों की शिक्षा
व्यवस्था जर्जर होती जा रही है।
पहली अप्रैल से नए शैक्षिक सत्र की शुरुआत तो हो गई लेकिन सैकड़ों स्कूल
ऐसे हैं जहां के शिक्षक सेवानिवृत्त हो गए लेकिन उनकी जगह नये शिक्षकों की
तैनाती नहीं हुई है।
News Source-Dainik Jagran
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