उत्तर प्रदेश में टीईटी पास किये बगैर शिक्षा
मित्रों की भर्ती पर लगी रोक सुप्रीमकोर्ट ने जारी रखी है। इसके साथ ही
कोर्ट ने शिक्षा मित्रों को सहायक शिक्षक के तौर पर नियमित किये जाने का
मामला निपटारे के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट भेज दिया है। 1न्यायाधीश दीपक
मिश्र और न्यायमूर्ति यूयू ललित की पीठ ने टीईटी परीक्षा पास किये बगैर
शिक्षा मित्रों को सहायक शिक्षक के तौर पर नियमित किये जाने पर सवाल उठाने
वाली याचिकाओं का निपटारा करते हुए ये आदेश पारित किये। पीठ ने इलाहाबाद
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध किया है कि वे शिक्षा मित्रों की
भर्ती के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट और लखनऊ पीठ के समक्ष लंबित सभी
याचिकाओं की सुनवाई के लिए एक पूर्ण पीठ का गठन करें। सुप्रीमकोर्ट ने कहा
है कि पूर्ण पीठ गठन के बाद दो महीने के भीतर सभी याचिकाओं का निपटारा कर
देगी और जबतक याचिकाओं का निपटारा होता है तबतक दस सप्ताह के लिए
सुप्रीमकोर्ट का भर्ती पर लगा रोक आदेश जारी रहेगा। सुप्रीमकोर्ट ने अभी तक
नियुक्ति पा चुके शिक्षा मित्रों की नौकरियों पर कोई सवाल नहीं किया है और
न ही उनके बारे में कोई आदेश दिया है। प्रदेश सरकार के मुताबिक उत्तर
प्रदेश में कुल 170000 शिक्षा मित्र हैं जो चार साल से लेकर 15 साल से पढ़ा
रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार अभी तक 138000 शिक्षा मित्रों को नियमित कर
चुकी है। बाकी की नियुक्ति सुप्रीमकोर्ट के रोक आदेश से लटक गई है। 1कोर्ट
के आदेश के पहले शिक्षा मित्रों की ओर से पेश वकीलों ने कोर्ट को बताया कि
नियमों के मुताबिक 2011 के पहले नियुक्त हुए शिक्षा मित्रों को टीईटी
परीक्षा पास करनी जरूरी नहीं थी। उन्हें इस परीक्षा से छूट दी गई है।
कमोवेश यही दलीलें प्रदेश सरकार की भी थीं। प्रदेश सरकार की ओर से
सुप्रीमकोर्ट में दाखिल किये गए हलफनामे में कहा गया था कि शिक्षा मित्रों
की नियुक्ति नहीं की जा रही उन्हें सिर्फ नियमित किया जा रहा है। 1उधर
दूसरी ओर सहायक शिक्षकों के 72825 पदों पर नियुक्ति के मामले में
सुप्रीमकोर्ट नियमों को चुनौती देने वाली नयी याचिका पर प्रदेश सरकार को
नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिका में टीईटी नियमो पर सवाल उठाने के साथ
ही भर्ती प्रक्रिया में भी अनियमितताओं के आरोप लगाए गए हैं। इस मामले पर
सुप्रीमकोर्ट 2 नवंबर को सुनवाई करेगा।
News Source- Dainik Jagran
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