बदलेगी भर्ती प्रक्रिया, अशासकीय कालेज जैसा राजकीय इंटर कालेज की नियुक्ति में होगा बदलाब
अशासकीय कालेज हो या फिर राजकीय इंटर कालेज दोनों जगह तैनाती पाने वाले एलटी ग्रेड शिक्षकों को नियुक्ति पाने के लिए इम्तिहान के दौर से गुजरना होगा। अशासकीय कालेजों के लिए परीक्षा की व्यवस्था पहले से है जबकि राजकीय कालेजों में नियुक्ति के लिए आगे से परीक्षा कराने की तैयारी की गई है। शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया है। इसमें परीक्षा का स्वरूप एवं आयोजन को लेकर तमाम सुझाव दिए गए हैं।
राजकीय इंटर कालेजों में एलटी ग्रेड यानी स्नातक शिक्षक की भर्ती एकेडमिक मेरिट के आधार पर होती रही है। इस समय भी 6645 शिक्षकों की भर्ती संयुक्त निदेशक कर रहे हैं। इसमें भी मेरिट का ही आधार लिया गया है। भर्ती के दौरान बड़ी संख्या में फर्जी अंकपत्र मिलने व अन्य कई गड़बड़ियां उजागर होने और तीन माह में कुल पदों में एक चौथाई पर भी नियुक्ति न हो पाने से अफसरों की खूब किरकिरी हो रही है। इस पर शासन ने भर्ती प्रक्रिया बदलने की ठान ली है। इस संबंध में शिक्षा निदेशालय को पूरा कार्यवृत्त बनाने को कहा गया। निदेशालय ने एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती के लिए इम्तिहान का पूरा खाका खींच अनुमोदन के लिए शासन को भेजा है। माना जा रहा है कि अगली एलटी ग्रेड की भर्तियां परीक्षा के अंकों के आधार पर ही होंगी। दूसरी ओर जब राजकीय कालेजों में एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती का एलान हुआ था, तभी टीजीटी-पीजीटी संघर्ष मोर्चा ने आंदोलन छेड़ दिया था। उनका कहना था कि अशासकीय कालेजों में एलटी ग्रेड की भर्ती माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से होने वाली परीक्षा के जरिए होती है जबकि राजकीय कालेज में उसी स्तर की भर्ती शैक्षिक मेरिट के आधार पर हो रही है। एक ही तरह की भर्ती के दो नियम ठीक नहीं है। इसे अफसरों ने गंभीरता से लिया था। ऐसे में माना जा रहा है कि राजकीय कालेज की भर्ती के लिए परीक्षा होने पर दोनों का स्वरूप एक जैसा हो जाएगा। अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक डा. रमेश ने बताया कि शासन को निदेशालय की ओर से एलटी ग्रेड की भर्ती के लिए परीक्षा कराने का प्रस्ताव भेजा गया है। अब शासन तय करेगा यह परीक्षा किस आयोग से और कैसे कराई जाए। ज्ञात हो कि राजकीय कालेजों में प्रवक्ता की नियुक्ति उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग के जरिए होती है।
डीआइओएस करेंगे अनुचरों की भर्ती
राजकीय इंटर कालेजों में होने वाली अनुचरों (चतुर्थ श्रेणी) की नियुक्तियों की कमान अब जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआइओएस) को सौंपने की तैयारी है। इसके लिए शासन नियमावली में बदलाव करने जा रहा है। शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में पूरा खाका तैयार कर लिया है। माना जा रहा है कि जल्द शासन स्तर से दिशा-निर्देश जारी होंगे। प्रदेश भर के राजकीय इंटर कालेजों में लंबे समय से अनुचरों के 1526 पद खाली चल रहे हैं। चतुर्थ श्रेणी की नियुक्तियों की जिम्मेदारी अब तक कार्यालय अध्यक्ष यानी कालेज के प्रधानाचार्य के हाथ रही है, लेकिन इसमें बदलाव होने जा रहा है। अब अनुचरों की नियुक्ति का दायित्व डीआइओएस निभाएंगे। इसके लिए शिक्षा निदेशालय को नियमावली में परिवर्तन कराना होगा। इसलिए मंथन के बाद बाकायदे प्रस्ताव बना और उसे स्वीकृति के लिए शासन को भेज दिया गया है, उस पर जल्द ही मुहर लगने की उम्मीद जताई जा रही है। अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक डा. रमेश ने बताया कि नियमावली में बदलाव के लिए पूरा खाका भेजा गया है। प्रस्ताव को जल्द ही अमल में लाने की उम्मीद है।
राजकीय इंटर कालेजों में होने वाली अनुचरों (चतुर्थ श्रेणी) की नियुक्तियों की कमान अब जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआइओएस) को सौंपने की तैयारी है। इसके लिए शासन नियमावली में बदलाव करने जा रहा है। शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में पूरा खाका तैयार कर लिया है। माना जा रहा है कि जल्द शासन स्तर से दिशा-निर्देश जारी होंगे। प्रदेश भर के राजकीय इंटर कालेजों में लंबे समय से अनुचरों के 1526 पद खाली चल रहे हैं। चतुर्थ श्रेणी की नियुक्तियों की जिम्मेदारी अब तक कार्यालय अध्यक्ष यानी कालेज के प्रधानाचार्य के हाथ रही है, लेकिन इसमें बदलाव होने जा रहा है। अब अनुचरों की नियुक्ति का दायित्व डीआइओएस निभाएंगे। इसके लिए शिक्षा निदेशालय को नियमावली में परिवर्तन कराना होगा। इसलिए मंथन के बाद बाकायदे प्रस्ताव बना और उसे स्वीकृति के लिए शासन को भेज दिया गया है, उस पर जल्द ही मुहर लगने की उम्मीद जताई जा रही है। अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक डा. रमेश ने बताया कि नियमावली में बदलाव के लिए पूरा खाका भेजा गया है। प्रस्ताव को जल्द ही अमल में लाने की उम्मीद है।
अशासकीय कालेजों में प्रबंधक व प्रधानाचार्य करेंगे नियुक्ति
माध्यमिक कालेजों में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की नियुक्ति का नियम अलग-अलग होगा। जहां राजकीय कालेजों में नियुक्ति का जिम्मा डीआइओएस को सौंपा जा रहा है, वहीं अशासकीय इंटर कालेजों में नियुक्ति के नियमों में कोई बदलाव नहीं होगा, वहां प्रबंधक व प्रधानाचार्य ही मिलकर नियुक्तियां करेंगे। शिक्षा निदेशालय का दावा है कि अशासकीय कालेजों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के 7589 पद रिक्त चल रहे हैं। उन्हें भी भरने का निर्देश जल्द ही जारी होने की उम्मीद है।
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