- सुप्रीमकोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई अंतरिम रोक, याचिकाओं पर जारी किया नोटिस
- हाईकोर्ट ने 172000 शिक्षा मित्रों का सहायक शिक्षक पद पर समायोजन रद कर दिया था, 24 फरवरी को फिर सुनवाई
अंग्रेजी है सुप्रीम कोर्ट की भाषा
सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक भाषा बनने के लिए हंिदूी को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। सोमवार को शीर्ष न्यायालय ने हंिदूी प्रेमियों को झटका देने वाला फैसला सुनाया। उसने साफ कह दिया कि सुप्रीम कोर्ट की भाषा अंग्रेजी है। लिहाजा हंिदूी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में फैसले की प्रति उपलब्ध कराना संभव नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में दायर याचिका को खारिज कर दिया। मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर, जस्टिस एके सिकरी और न्यायमूर्ति आर भानुमति की पीठ ने उपरोक्त आदेश दिया। हंिदूी में फैसले की प्रति मुहैया कराने की मांग वाली अर्जी का निस्तारण करते हुए पीठ का कहना था, ‘हम ऐसा कोई आदेश पारित नहीं कर सकते क्योंकि कोर्ट की भाषा अंग्रेजी है।
उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्रों को सुप्रीमकोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। डेढ़ लाख शिक्षा मित्र फिलहाल नौकरी में बने रहेंगे। सुप्रीमकोर्ट ने शिक्षा मित्रों का सहायक शिक्षक पद पर समायोजन निरस्त करने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है। सुप्रीमकोर्ट ने ये आदेश शिक्षा मित्रों, प्रदेश सरकार और उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा बोर्ड की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद जारी किये। 1इलाहाबाद हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने गत 12 सितंबर कोटीईटी टेनिंग के बगैर सहायक शिक्षक पद पर नियुक्ति किये जाने को गलत ठहरा दिया था। हाईकोर्ट ने 172000 शिक्षा मित्रों का सहायक शिक्षक पद पर समायोजन निरस्त कर दिया था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद से शिक्षा मित्र नौकरी बचाने के लिए आंदोलन कर रहे थे। शिक्षा मित्रों, प्रदेश सरकार व उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा बोर्ड ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में विशेष अनुमति याचिकाएं दाखिल की हैं। सोमवार को न्यायमूर्ति दीपक मिश्र की अध्यक्षता वाली पीठ ने वकीलों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी और याचिकाओं में प्रतिपक्षी बनाए गए लोगों को जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया। कोर्ट ने मामले पर आगे सुनवाई के लिए 24, 25 और 26 फरवरी की तिथि तय कर दी है। इससे पहले शिक्षा मित्रों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पी. चिदंबरम और महालक्ष्मी पवनी ने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश सही नहीं है। केंद्र सरकार ने शिक्षा मित्रों को टीईटी ट्रेनिंग से छूट दी है
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Shiksha Mitra - फिलहाल नौकरी में बने रहेंगे |
News Sourcw - Dainik Jagran
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