यूपी: 1.72 लाख शिक्षा मित्रों को राहत
उत्तर प्रदेश में शिक्षा मित्रों को सहायक शिक्षक बनाए जाने के लिए
बेसिक टीचिंग सर्टिफिकेट(बीटीसी) या इसके समकक्ष प्रशिक्षण दिए जाने के
खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय शिक्षा मित्रों के लिए राहत भरी खबर है। इससे
पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी याचिका खारिज कर दी थी।
न्यायमूर्ति
एफएमआई कलीफुल्लाह की अध्यक्षता वाली पीठ ने शुक्रवार को संजीव कुमार राघव
और अन्य लोगों की याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि इसमें ऐसा कुछ
नहीं जिस पर नोटिस जारी किया जाए।
पीठ ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि
वह चाहे तो हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। जिसकेबाद याचिकाकर्ताओं ने
पीठ से कहा कि वे याचिका वापस लेना चाहते हैं, इसे पीठ ने स्वीकार कर लिया।
वास्तव में उत्तर प्रदेश सरकार ने 1.72 लाख शिक्षा मित्रों को सहायक
शिक्षक के तौर पर समायोजित करने से पूर्व बीटीसी या इसके समकक्ष प्रशिक्षण
देने का निर्णय लिया गया था।
क्या है मामला
राज्य सरकार को इस निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसे
ठुकरा दिया गया था। याचिकाकर्ताओं की दलील थी कि बिना टीईटी के इस तरह का
प्रशिक्षण नहीं दिया जा सकता। बिना टीईटी पास किए शिक्षामित्रों की
नियुक्ति के विरोध में टीईटी पास कुछ अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में
याचिका दायर कर दी थी।
टीईटी पास अभ्यर्थियों का कहना था कि बिना
TET पास किए किसी भी अभ्यर्थी को सहायक अध्यापक नियुक्त नहीं किया जा
सकता। इसके बाद भी कोर्ट ने एक लाख 72 हजार शिक्षामित्रों को बिना टीईटी
पास किए बीटीसी प्रशिक्षण देकर विद्यालयों में सहायक अध्यापक के तौर
नियुक्ति दे दी। सरकार के इस निर्णय को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निरस्त कर
दिया। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचॉ। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद
हाईकोर्ट के फैसले पर सात दिसंबर को रोक लगा दी थी।
शिक्षामित्रों की भर्ती का मामला-
6 जुलाई 2015: सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों को शिक्षक के रूप में
भर्ती करने पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने
इनके समायोजन की प्रक्रिया पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी।
-27 जुलाई 2015: सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को मामले का निपटारा दो महीने के भीतर करने का निर्देश दिया।
-12 सितंबर 2015: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिक्षा मित्रों का समायोजन असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया।
-13 सितंबर 2015: अदालत के फैसले के बाद शिक्षा मित्रों ने सुप्रीम कोर्ट में कई अपील दायर की, धरना-प्रदर्शन शुरू किए।
-18 सितंबर 2015: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी दौरे के दौरान शिक्षा मित्रों ने उनसे मुलाकात की।
-21 सितंबर 2015: मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि शिक्षा मित्रों को पहले की तरह वेतन और अन्य लाभ मिलता रहेगा।
-27 अक्टूबर 2015: राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने साफ किया कि जो शिक्षक 25 अगस्त 2010 से पहले नियुक्ति किए गए हैं और सेवा में हैं उनपर टीईटी क्वालिफाई करने की अनिवार्यता नहीं होगी।
-14 जनवरी 2011 को यूपी सरकार ने एनसीटीई से अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षण की मंजूरी मांगी थी।
-7 दिसंबर 2015: सुप्रीम कोर्ट ने 1,72,825 शिक्षामित्रों की सहायक शिक्षक पद पर नियुक्ति रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी। फैसले के खिलाफ� यूपी शिक्षामित्र कल्याण समिति ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
-18 सितंबर 2015: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी दौरे के दौरान शिक्षा मित्रों ने उनसे मुलाकात की।
-21 सितंबर 2015: मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि शिक्षा मित्रों को पहले की तरह वेतन और अन्य लाभ मिलता रहेगा।
-27 अक्टूबर 2015: राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने साफ किया कि जो शिक्षक 25 अगस्त 2010 से पहले नियुक्ति किए गए हैं और सेवा में हैं उनपर टीईटी क्वालिफाई करने की अनिवार्यता नहीं होगी।
-14 जनवरी 2011 को यूपी सरकार ने एनसीटीई से अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षण की मंजूरी मांगी थी।
-7 दिसंबर 2015: सुप्रीम कोर्ट ने 1,72,825 शिक्षामित्रों की सहायक शिक्षक पद पर नियुक्ति रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी। फैसले के खिलाफ� यूपी शिक्षामित्र कल्याण समिति ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
News Source- Amar Ujala
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