स्कूलों के शिक्षकों के लिए अंतर्जनपदीय स्थानांतरण की नई नीति जारी कर दी गई है। जो शिक्षकों अंतर्जनपदीय स्थानांतरण करना चाहता है वो इस नियम के तहत ही स्थानांतरण होगा. इस नियम के तहत वही शिक्षक तबादले के लिए आवेदन कर सकेंगे, जिन्होंने 31 मार्च 2016 तक कार्यरत जिले में तीन साल पूरे कर लिए हों। शिक्षकों से तबादले के लिए आवेदन केबल ऑनलाइन ही लिए जाएंगे। स्थानांतरण की कार्यवाही हर हाल में 15 जुलाई तक पूरी करनी होगी। वहीं दूसरे जिले में जाने वाले शिक्षक उस जिले की वरिष्ठता सूची में सबसे जूनियर माने जाएंगे।
इस स्थानांतरण प्रक्रिया के बाद अब कोई भी अंतर्जनपदीय स्थानांतरण नहीं हो सकेगा। किसी भी शिक्षक का तबादला ग्रामीण क्षेत्र से नगर क्षेत्र और नगर क्षेत्र से ग्रामीण क्षेत्र में नहीं किया जाएगा। शिक्षकों को काफी इंतज़ार करना करना पड़ा इस निति के लिए । सचिव बेसिक शिक्षा अजय कुमार सिंह ने पुरे २ साल लम्बे इंतज़ार के बाद गुरुवार को अंतर्जनपदीय स्थानांतरण नीति वर्ष 2016-17 जारी कर दी।
इस अंतर्जनपदीय स्थानांतरण निति में कहा गया है की शिक्षकों परिस्थितिजन्य कारणों का पूरा धीयान रखते हुए शिक्षकों का दूसरे जिले स्थानांतरण किया जायेगा । इस नई निति के हिसाब से लगभग एक लाख 94 हजार समायोजित शिक्षामित्रों और नए भर्ती हुए शिक्षकों को लाभ नहीं मिलेगा। इस निति का लाभ लेने के लिए शिक्षकों की जिले में शिक्षकों की तीन साल की सेवाएं पूरी होनी चाहिए
इस नई निति के अनुसार प्रत्येक शिक्षक को पांच जिलों का विकल्प देना होगा। और पद खाली होने पर ही शिक्षकों को वरीयता क्रम में दिए गए जिलों में मौका मिल सकेगा। जिन जिलों में पद खाली नहीं हैं, उन जिलों में किसी भी दशा में तबादला नहीं किया जाएगा।
इस नई निति के अनुसार प्रत्येक शिक्षक को पांच जिलों का विकल्प देना होगा। और पद खाली होने पर ही शिक्षकों को वरीयता क्रम में दिए गए जिलों में मौका मिल सकेगा। जिन जिलों में पद खाली नहीं हैं, उन जिलों में किसी भी दशा में तबादला नहीं किया जाएगा।
जिन जिलों के स्कूलों में जितनी शिक्षकों की संख्या कमी होगी उन ही जिलों के स्कूलों में उतने ही शिक्षकों को तबतला कर भेज जायेगा। वहां उतने ही शिक्षक दूसरे जिलों में भेजे जाएंगे, जितने शिक्षक दूसरे जिलों से उस जिले में स्थानांतरित होकर आ रहे होंगे। किसी भी दशा में जिले में शिक्षक-छात्र अनुपात 1: 40 से कम नहीं रखा जाएगा। इस निति मेंं निशक्त, गंभीर रोगों से ग्रस्त और विधवा शिक्षकों को तरजीह मिलेगी। इस नियम के तहत किसी भी स्कूल के बंद या एकल होने की दशा में शिक्षक तब तक कार्यमुक्त नहीं किया जाएगा, जब तक उस स्कूल के लिए शिक्षकों की व्यवस्था न हो जाए। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव स्थानांतरण के लिए समय सारिणी जारी करेंगे। तबादला होकर आए शिक्षकों की पहली नियुक्ति जिले के एकल स्कूल में तैनाती की जाएगी।
जिन शिक्षकों असाध्य रोगों जैसे कैंसर, लीवर या किडनी फेल होने, लकवाग्रस्त या जिन शिक्षकों ने बाईपास सर्जरी कई हो और विधवाओं को तबादले में प्राथमिकता दी जाएगी। इन बीमारीओं से सम्बधित चिकित्सीय जांच रिपोर्ट को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पुष्टि करनी होगी। और इसी आधार पर तबादले में बरीयता दी जाएगी
जिन शिक्षकों असाध्य रोगों जैसे कैंसर, लीवर या किडनी फेल होने, लकवाग्रस्त या जिन शिक्षकों ने बाईपास सर्जरी कई हो और विधवाओं को तबादले में प्राथमिकता दी जाएगी। इन बीमारीओं से सम्बधित चिकित्सीय जांच रिपोर्ट को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पुष्टि करनी होगी। और इसी आधार पर तबादले में बरीयता दी जाएगी
और इसके बाद सेना, अर्धसैनिक सुरक्षा बल, राज्य पुलिस बल में कार्यरत कर्मचारियों की पत्नियों, पति-पत्नी दोनों के परिषदीय अध्यापक होने या दोनों के सरकारी सेवा में होने और महिला या पुरुष शिक्षक के गृह जनपद में तबादले के आवेदनों पर विचार किया जाएगा।
तबादला निति में कहा गया है कि जिन शिक्षकों ने तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन करते समय जो दस्तावेजों दिए गए है उन दस्तावेजों की जांच जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी करेंगे।
सत्यापित आवेदन पत्र को आवेदन पत्र भरने की अंतिम तिथि के एक सप्ताह के अंदर सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय, इलाहाबाद को उपलब्ध कराएंगे। कुल कितने आवेदन आए और इनमें से कितनों आवेदन पत्र को निरस्त किया गया। निरस्त आवेदनों की सूची कारण बताते हुए सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को उपलब्ध करानी होगी। और एक प्रति बीएसए कार्यालय के सूचना पट पर भी लगाई जाएगी।
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