प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में तैनात 32 हजार शिक्षामित्र समायोजन न
होने पर अब सम्मानजनक
भुगतान की मांग पर अड़ गए हैं। लगभग सभी जिलों में
शिक्षामित्रों ने कार्यबहिष्कार करके बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के
सामने प्रदर्शन किया है। उनका कहना है कि सूबे में शिक्षामित्र साथी अनशन
कर रहे हैं और उनका संज्ञान तक नहीं लिया जा रहा है। Shiksha Mitra Adjustment Not Received Honorable Payment
प्राथमिक स्कूलों में 32 हजार शिक्षामित्रों का समायोजन
सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। महंगाई के युग में प्रशिक्षित होकर भी
उन्हें 3500 रुपये प्रतिमाह के मानदेय पर कार्य करना पड़ रहा है। इसके लिए
दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार यादव ने कई बार
मुख्यमंत्री से मांग की है, लेकिन समायोजन न होने तक उनका मानदेय बढ़ाने की
अनसुनी हुई। अनिल ने कहा कि समायोजन न होना समझ में आता है, लेकिन मानदेय
बढ़ाने में कोई दिक्कत नहीं है, फिर भी उस पर गंभीरता नहीं दिखाई जा रही
है। विधानसभा चुनाव से पहले अपना हक लेकर रहेंगे। बलिया,
बनारस, इलाहाबाद, कानपुर देहात, लखनऊ, सीतापुर, सहारनपुर, बुलंदशहर सहित कई
जिलों में अवशेष शिक्षामित्र मानदेय बढ़ाने के लिए तीन दिन से अनशन कर रहे
हैं।
संघ के आवाहन पर मंगलवार को प्रदेश के सभी समायोजित एवं असमायोजित
शिक्षामित्रों ने अवशेष शिक्षामित्रों के मानदेय वृद्धि के समर्थन में जिला
मुख्यालयों एवं ब्लाक कार्यालयों पर प्रदर्शन किया है। संघ का कहना है कि
न्याय मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा। भीषण ठंड में कुछ भी गड़बड़ी होने पर
सरकार जिम्मेदार होगी। 1समायोजित शिक्षकों का डाटाबेस बनाने में आनाकानी
:प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में तैनात
शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर काफी पहले ही समायोजित किया जा चुका
है। उनका डाटा बेस तैयार करने के लिए शिक्षक का नाम, तैनाती वाले विद्यालय
का नाम एवं मोबाइल नंबर आदि पहले ही सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों से मांगा
जा चुका है, लेकिन प्रदेश के 45 जिलों ने यह डाटा उपलब्ध नहीं कराया है।
शिक्षा निदेशक बेसिक दिनेश बाबू शर्मा ने इस कार्यशैली पर गंभीर आपत्ति
जताई है।
Dainik Jagran
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