
शासन ने नियमावली में
चयन मेरिट से ही करने पर मुहर लगाई है। उसी के अनुरूप कुछ दिन पहले विभाग
ने विज्ञापन निकाला और सोमवार से पंजीकरण का कार्य शुरू हो गया है। अफसरों
की मानें तो पहले दिन की स्थिति उत्साहजनक नहीं थी। माध्यमिक शिक्षा के अपर
निदेशक रमेश ने बताया कि पहले दिन महज कुछ युवाओं ने ही पंजीकरण कराया है,
जिनकी संख्या इकाई में है। इसे प्रतियोगियों की मांग से भी जोड़ा जा रहा
है जिसमें वह चयन के लिए परीक्षा कराने की मांग कर रहे हैं। ऑल इंडिया
पीपुल्स फ्रंट यानी आइपीएफ ने प्रदर्शन करके मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा
है। जिला प्रभारी राजेश सचान, प्रतियोगी मोर्चा के अमर बहादुर, अनुराग
वर्मा व सुनील यादव आदि ने मांग की है कि मेरिट के बजाए परीक्षा के जरिए ही
चयन किया जाए। उनका तर्क है कि अलग-अलग विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रम एवं
परीक्षा का स्तर अलग है।
ऐसे में मेरिट से चयन करना मेधावी युवाओं
के हित में नहीं है। साथ ही बीएड कॉलेजों में भी शैक्षिक गुणवत्ता नहीं है।
वहां जुगाड़ से अच्छे अंक मिल जाते हैं। वहीं कुछ युवाओं ने कंप्यूटर
शिक्षकों की भर्ती में बीएड की अनिवार्यता पर भी सवाल खड़े किए हैं। उनका
कहना है कि बीटेक आदि की डिग्री ही पर्याप्त है। ऐसे में बीएड की मांग कहीं
से जायज नहीं है। इसमें बदलाव किया जाए। मुख्यमंत्री से मांग की गई है कि
भर्ती में हस्तक्षेप करके चयन लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार के जरिए कराया
जाए। यहां बड़ी संख्या में युवा मौजूद रहे।
Dainik Jagran
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