
संख्या में हुआ है, लेकिन उससे भी अधिक युवाओं में उहापोह है। यह सब बीटीसी के मूल्यांकन में हुए बदलाव के कारण हुआ है। बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने भर्ती में पुराने गुणांक के जरिये चयन करने का निर्देश दिया है, इसी में बदलाव की मांग हो रही है।
- बीटीसी 2012 एवं 2013 बैच के अभ्यर्थियों का गुणांक अलग-अलग
- 16460 सहायक अध्यापक भर्ती आवेदन में ग्रेड का कॉलम ही नहीं
1वैसे तो प्राथमिक स्कूलों में शैक्षिक मेरिट के आधार पर भर्ती पहले से ही विवाद में है। न्यायालय इस संबंध में कई निर्णय दे चुका है। नई भर्ती में बीटीसी के गुणांक का आकलन के लिए परिषद ने पुरानी भर्तियों की तर्ज पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के अंक दिए जाने का उल्लेख भर्ती विज्ञापन में किया है, लेकिन परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने 2013 बैच से बीटीसी का पूरा पैटर्न बदल दिया है। इसमें श्रेणीवार अंक के बजाय ग्रेड दिए जाते हैं और उनके सापेक्ष कितने अंक मिलने हैं यह भी तय है। बीटीसी का 2013 बैच एवं उसके पहले बैच के अभ्यर्थियों के बीच यही अंक सबसे बड़ा फासला बना रहे हैं। परिषद का फामरूला एक पर लागू हो रहा है दूसरे पर नहीं। इसीलिए मांग हो रही है कि भर्ती के नियमों में संशोधन किया जाए।
बीएलएड की तरह हो आकलन : दावेदारों का कहना है कि परिषद ने 16448 शिक्षकों की भर्ती के समय बीएलएड अभ्यर्थियों को शामिल किया था और उनके अंकों की अलग से गणना की गई थी। उसी तर्ज पर 2013 बैच के अभ्यर्थियों की भी बीटीसी के अंक व प्रमाणपत्र में दिए अंकों के आधार पर गणना की जाए। इसके लिए परिषद भर्ती की नियमावली 9(क) में संशोधन करें।’jagran
0 comments:
Post a Comment