मनचाहे स्कूल में संबद्ध हजारों शिक्षक
- शिक्षा निदेशक बेसिक एवं परिषद सचिव का आदेश नहीं मान रहे बीएसए
- स्कूलों में सिर्फ हाजिरी लगाने जाने से पठन-पाठन हो रहा प्रभावित

बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक एवं उच्च
प्राथमिक विद्यालयों में तैनात शिक्षक अपना तबादला न करा पाने की स्थिति
में मनचाहे स्कूल या फिर विभागीय कार्यालय से संबद्ध हो जाते हैं, ताकि
उन्हें हर दिन जाना नहीं पड़ेगा। इसकी शिकायतें शासन को मिलने पर शिक्षा
निदेशक बेसिक दिनेश बाबू शर्मा ने बीते 26 मई, 2016 को यह आदेश जारी किया
कि तत्काल शिक्षकों का संबद्धीकरण खत्म कर दिया जाए और जुलाई से कोई भी
शिक्षक दूसरे स्कूल या फिर कार्यालय से संबद्ध नहीं रहेगा।
यदि जुलाई, 2016
के बाद शिक्षक संबद्ध मिलते हैं तो बीएसए जिम्मेदार होंगे। इसके आदेश के
बाद कुछ हड़कंप तो मचा और कुछ शिक्षकों को वापस स्कूलों में भी भेजा गया,
लेकिन कुछ माह बाद ही स्थिति पहले से भी विकट हो गई है। हालत यह है कि खंड
शिक्षा अधिकारी के कार्यालयों को छोड़िए बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय
में दर्जनों शिक्षक बाकायदे संबद्ध हैं। उनमें से कुछ को छोड़कर ज्यादातर
मुफ्त में ही वेतन ले रहे हैं। ऐसा ही हाल सड़क किनारे के स्कूलों व ब्लाक
एवं तहसील के केंद्रीय स्कूलों का है, वहां संबद्ध होने के लिए लंबी
फेहरिश्त है।
बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने 13 मार्च, 2014
को ही इस संबंध में कड़ा आदेश जारी किया था, लेकिन अधिकांश बेसिक शिक्षा
अधिकारियों ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया। यह भी कहा जा रहा है कि शिक्षक
जिले के अफसरों को खुश करके मनचाहा संबद्धीकरण करा रहे हैं। इधर, जिले में
तबादलों की नकेल जिलाधिकारी के पास होने के बाद भी इस पर अंकुश नहीं लग रहा
है। परिषद बार-बार निर्देश भेज रहा है और बेसिक शिक्षा अधिकारी पर उतारू
हैं। इन दिनों विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद से बीएसए की
तेज हो गई है।
News Source-Dainik Jagran
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