युवाओं का कहना है कि नौकरियों
के लिए चयन का आधार मेरिट नहीं होना चाहिए, बल्कि परीक्षा कराकर उसे चुना
जाए जो योग्य हो। कई बार एकेडमिक परीक्षा के दौरान अभ्यर्थी बीमार होने या
अन्य वजहों से अच्छे अंक प्राप्त नहीं कर पाते। मेरिट से चयन होने पर उनका
आगे का रास्ता ही बंद हो जाएगा। यही नहीं इधर के वर्षो में हाईस्कूल व
इंटरमीडिएट आदि की मूल्यांकन व्यवस्था और प्रायोगिक परीक्षा में बदलाव हुआ
है, इससे हाईस्कूल या इंटर उत्तीर्ण होने युवाओं की मेरिट बहुत अच्छी है,
जबकि कुछ वर्ष पहले के युवा मेरिट के मामले में काफी पीछे हैं। बीटीसी में मेरिट से चयन शिक्षक बनने के लिए बीटीसी यानी बेसिक टीचर्स ट्रेनिंग में प्रवेश पाने के लिए मेरिट को आधार बनाया गया है, जबकि पहले प्रशिक्षण पाने के इच्छुक अभ्यर्थी परीक्षा उत्तीर्ण करते थे। इसी तरह पुलिस महकमे में आने वाली सिपाहियों की भर्ती में मेरिट के जरिये चयन कराने के दावे किए जा रहे हैं।
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