
सरकारी महकमों में यह चलन वर्षो से है कि नई भर्ती होने पर कुल पदों
का 50 फीसद वर्गवार आरक्षण घोषित कर दिया जाता है। महकमे के अफसर अपने यहां
श्रेणीवार पदों की स्थिति कभी नहीं जांचते। इसी को ध्यान में रखते हुए
हाईकोर्ट ने उप्र लोकसेवा आयोग की कृषि तकनीकी सहायक ग्रुप-सी की भर्ती में
बड़ी गड़बड़ी पकड़ने के बाद इस संबंध में आदेश जारी किया है। कोर्ट ने कहा
कि ‘प्रमुख सचिव अब नया प्रस्ताव क्वांटीफियेबल डाटा (मात्रत्मक) के आधार
पर बनाएं, जिसमें यह देखें कि किस श्रेणी के किस विभाग में कुल कितने लोग
काम कर रहे हैं। किस-किस श्रेणी (वर्गवार) में कितने पद खाली हैं, उसका
ब्योरा लोकसेवा आयोग को भेजें, ताकि चार माह में नए सिरे से परिणाम जारी हो
सके।’ कोर्ट ने यह भी कहा कि भविष्य में होने वाली सभी भर्तियों में
क्वांटीफियेबल डाटा (मात्रत्मक) अनिवार्य होगा। इसमें विभाग को यह देना
होगा कि उसके यहां पर कुल इतने पद हैं, इसके सापेक्ष इस-इस श्रेणी में इतने
लोग कार्यरत हैं और इतने पद खाली हैं जिन्हें भरा जाना है। ऐसा होने पर यह
जरूरी नहीं कि हर भर्ती में पचास फीसद सीटें आरक्षित करनी ही पड़ें। साथ
ही महकमे में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों की तादाद भी आरक्षण के
अनुरूप रहेगी।
तकनीकी सहायक ग्रुप-सी के पदों में उलटफेर होना तय :
हाईकोर्ट ने क्वांटीफियेबल डाटा (मात्रत्मक) के आधार पर प्रमुख सचिव से जो
नये सिरे से प्रस्ताव देने का आदेश दिया है। इससे उप्र लोकसेवा आयोग की
तकनीकी सहायक ग्रुप सी के विज्ञापित पदों 6628 में उलटफेर होने की पूरी
उम्मीद है। संभव है कि अब सामान्य या अनुसूचित जाति आदि के पद बढ़ जाएं और
अन्य वर्गो के पद घट भी सकते हैं। साथ ही इस निर्देश से सामान्य वर्ग के पद
बढ़ तो सकते हैं, लेकिन आरक्षित वर्गो के लिए 50 फीसदी ही पद होंगे,
क्योंकि इसके ऊपर पद आरक्षण देना अवैध हो जाएगा।
सामान्य वर्ग के
अभ्यर्थियों को नहीं बुलाया, ओबीसी को गले लगाया : उप्र लोकसेवा आयोग की
कृषि तकनीकी सहायक ग्रुप-सी भर्ती में आयोग के अफसरों ने मनमाने तरीके से
लिखित परीक्षा के बाद वर्गवार आवंटन इसलिए बदल दिया कि ताकि एक जाति विशेष
को उसका लाभ मिल सके। भर्ती के विज्ञापन में सामान्य वर्ग के 3616 पद थे,
तीन गुना 10848 सामान्य अभ्यर्थियों को बुलाया जाना था, लेकिन आयोग ने पद
घटा दिए और नए 2515 पदों के सापेक्ष केवल 7545 को ही बुलावा पत्र भेजा।
इससे सामान्य वर्ग के 3303 अभ्यर्थी साक्षात्कार से जबरन बाहर कर दिए
गए। Jagran
0 comments:
Post a Comment