इलाहाबाद वरिष्ठ संवाददातायूपी के तीन लाख शिक्षकों के भविष्य का फैसला 11
अप्रैल को हो सकता है। उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक
स्कूलों में प्रशिक्षु व सहायक अध्यापकों की भर्ती को लेकर चल रहे विवाद पर
सुप्रीम कोर्ट में 11 अप्रैल को सुनवाई होगी। प्रदेश की ओर से बेसिक
शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा पैरवी के लिए नई दिल्ली जा रहे
हैं।शिक्षक भर्ती के विभिन्न विवादों की सुनवाई एक साथ सुप्रीम कोर्ट में
हो रही है। सबसे पहले 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती का विवाद दिसंबर 2014
में सर्वोच्च न्यायालय पहुंचा। सरकार एकेडमिक रिकार्ड के आधार पर नियुक्ति
करना चाह रही थी। जबकि अभ्यर्थी 30 नवंबर 2011 के विज्ञापन के अनुसार टीईटी
मेरिट पर भर्ती की मांग कर रहे थे। सरकार ने टीईटी मेरिट पर भर्ती के
इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका की थी जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने
25 मार्च 2014 के अंतरिम आदेश में टीईटी मेरिट पर भर्ती के निर्देश दिए
थे। फिलहाल यह मामला विचाराधीन है। इसी प्रकार 1.37 लाख शिक्षामित्रों के
बिना टीईटी समायोजन का मामला भी लंबित है। 12 सितंबर 2015 को इलाहाबाद
हाईकोर्ट ने इन शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त कर दिया था जिसके खिलाफ
प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका की। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट
के आदेश पर रोक लगा दी। यह प्रकरण भी 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती के साथ
सुना जा रहा है। एक अन्य मामला तकरीबन एक लाख उन शिक्षकों से जुड़ा हुआ है
जो पिछले चार साल में एकेडमिक रिकार्ड के आधार पर नियुक्त हुए है।हाईकोर्ट
ने एक दिसंबर 2016 को अध्यापक सेवा नियमावली 1981 का 16वां संशोधन निरस्त
कर दिया था। इसी संशोधन के आधार पर एकेडमिक रिकार्ड पर 9770, 10800,
29,334, 4280 उर्दू, 10000, 15000, 16448, 3500 उर्दू भर्ती हो चुकी है।
जबकि 12460 और 4000 उर्दू भर्ती चल रही है। इन सभी मामलों की सुनवाई एक साथ
हो रही है।
टीईटी मेरिट पर 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की नियुक्ति चल रही है,
यूपी की शिक्षक भर्तियों के विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई
टीईटी मेरिट पर 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की नियुक्ति चल रही है,
यूपी की शिक्षक भर्तियों के विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई
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