23 May, 2017

नियुक्ति के लिए टीचर एलिजिब्लिटी टेस्ट महज़ एक अर्हता

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् (NCTE) ने सोमबार को सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि प्राथमिक सहायक  शिक्षकों (कक्षा एक से आठ तक) कि नियुक्ति के लिए टीचर एलिजिब्लिटी टेस्ट महज़ एक अर्हता (क्वालीफाइंग)  है न कि मेरिट का एक मात्र आधार.

सोमबार को (NCTE) ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा है कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम कि धारा (23) -1 को धियान में रखते हुए उसने २३ अगस्त 2010 को अधिसूचना जारी कर कहा था कि शिक्षकों कि नियुक्ति के लिए TET पास होना जरुरी है TET कि न्यूनतम योग्यता होने कि शर्त ध्यान  में रखते हुए कि गई थी कि शिक्षकों की नियुक्ति का राष्ट्रीय मानक तय हो सके

NCTE के सदस्य सचिव की ओर से दायर हलफनामे में कहा गया है कि TET में 60% अंक लेन वाले अभियार्थी को पास माना जाता है स्कूल प्रबधन ने चाहे तो आरक्षण निति के तहत अनुसूचित जाति व जनजाति  अन्य पिछड़ा वर्ग दिव्यांग अभियार्थी दे सकता है नियुक्ति प्रक्रिया में TET अंक को वेटेज दिया जाना चाहिए, हांलाकि सिर्फ TET  होना किसी बी अभियार्थी को नियुक्ति का अधिकार नहीं देता है TET पास होने नितुक्ति को वांछनीय योग्यता में से केवल एक है

19 मई को सुप्रीम कोर्ट NCTE की और से पेश हुए lawyer आशा नायर ने नियमूर्ति आदर्श कुमार गोयल व नियमूर्ति यूयू ललित की पीठ के सामने कहा था की प्राथमिक सहायक  शिक्षकों को लिए टीचर एलिजिब्लिटी टेस्ट महज़ एक अर्हता (क्वालीफाइंग)  है न कि मेरिट का एक मात्र आधार. जिसके बाद कोर्ट बे NCTE को सोमबार तक अपना हफनमा दायर कर अपना पक्ष रखने को कहा था

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