इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों की शिक्षक भर्ती
में दो परीक्षाएं होने के निर्णय से शिक्षामित्र भले ही खफा हो, लेकिन
परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय इलाहाबाद को खासी राहत मिली है। शिक्षक
पात्रता परीक्षा कराने वाले महकमे को पिछले एक पखवारे से
परीक्षा में तरह-तरह की धांधली होने की सूचनाएं मिल रही थी। साथ ही परीक्षा
केंद्र निर्धारण और परीक्षार्थियों के आवंटन को लेकर भी परीक्षा नियामक पर
दबाव बन रहा था।
परिषदीय स्कूलों में शिक्षक भर्ती के लिए TET उत्तीर्ण होना
अनिवार्य है। वैसे तो यह परीक्षा उत्तर प्रदेश में 2011 से एक वर्ष को
छोड़कर लगातार हो रही है। इस बार परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था परीक्षा
नियामक प्राधिकारी कार्यालय पर इम्तिहान सकुशल कराने का बड़ा दबाव रहा है।
इसकी वजह है कि अन्य वर्षो की अपेक्षा इस बार परीक्षार्थियों की तादाद काफी
अधिक है।
टीईटी के लिए उन शिक्षामित्रों ने भी दावेदारी की है, जिनका
समायोजन बीते जुलाई माह में शीर्ष कोर्ट से रद हो चुका है साथ ही 2011 की
टीईटी उत्तीर्ण करने वाले वह अभ्यर्थी फिर मुकाबले में है, जो शिक्षक नहीं
बन सके और उनके प्रमाणपत्र की मियाद खत्म हो गई है। बीते अगस्त माह में
टीईटी 2017 के लिए आवेदन लेने के समय से लेकर अब तक यह शिकायतें हो रही थी
कि जिलों में तमाम जालसाज सक्रिय हो गए हैं जो परीक्षा उत्तीर्ण कराने के
नाम पर धन मांग रहे हैं, क्योंकि उस समय तक यही कहा जा रहा था कि जो
शिक्षामित्र टीईटी उत्तीर्ण हो जाएंगे, उन्हें वेटेज अंक भी मिलेगा और इसे
पाकर वह नियमित शिक्षक बन सकेंगे।
परीक्षा नियामक को यह भी शिकायत मिली कि बड़ी संख्या में
अभ्यर्थियों ने एक साथ पंजीकरण कराया है, ताकि परीक्षा केंद्र भी एक ही मिल
जाए। इसलिए पंजीकरण के आधार पर परीक्षा केंद्र आवंटित न करने की मांग हो
रही थी। इस बीच प्रदेश सरकार ने कैबिनेट से शिक्षक भर्ती के लिए अलग से
लिखित परीक्षा कराने का निर्णय लिया है और टीईटी हर अभ्यर्थी को केवल
उत्तीर्ण करना है।
ऐसे में परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय राहत में है।
सचिव का कहना है कि परीक्षा की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा। परीक्षा
केंद्र निर्धारण का कार्य अंतिम चरण में है, अगले सप्ताह वेबसाइट पर
अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड अपलोड कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि परीक्षा
की शुचिता को लेकर वह गंभीर है।
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