नई दिल्ली : राजकीय स्कूलों के विद्यार्थियों को अब दिन में तीन बार
(प्रार्थना के समय, पांचवे व अंतिम पीरियड) अनिवार्य रूप से हाजिरी लगवानी
होंगी। शिक्षा निदेशालय ने अकादमिक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए
अनुशासन के नए नियम बनाए हैं, जिन्हे स्कूलों में लागू कर दिया गया
है।
शिक्षा निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि पाठ्यक्रम में हुए बदलाव के कारण चालू शैक्षणिक सत्र नौंवी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए बेहद ही चुनौतीपूर्ण हो गया है। दसवीं कक्षा के सभी विद्यार्थियों को इस बार बोर्ड परीक्षा में बैठना होगा, वहीं बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को इस सत्र में अंक मॉडरेशन और ग्रेड की सुविधा नहीं मिलेगी। ऐसी स्थिति में विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए ठीक से तैयार करना शिक्षकों की बड़ी जिम्मेदारी है। अकादमिक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने और अनुशासन बनाए रखने के लिए नए नियमों के अंतर्गत स्कूल प्रमुखों को स्कूल शुरू होने से 15 मिनट पहले, जबकि शिक्षकों को किसी भी हालत में पांच मिनट पहले स्कूल पहुंचना होगा। स्कूल शुरू होने के समय से 15 मिनट पहले दो शिक्षकों की तैनाती स्कूल गेट पर करनी होगी, जो यह निगरानी करेंगे कि रोजाना कौन से विद्यार्थी देरी से स्कूल आ रहे हैं। ऐसे विद्यार्थियों का नाम डायरी में दर्ज किया जाएगा और उनके अभिभावकों को इस बारे में सूचित भी किया जाएगा।
शिक्षकों की कमी को देखते हुए 28 फरवरी तक नौंवी, दसवीं, ग्यारहवीं व बारहवीं कक्षा के शिक्षकों की छुट्टी पर रोक लगा दी गई है। आवश्यकता पड़ने पर उपशिक्षा अधिकारी जोन की अनुमति से ही शिक्षकों को छुट्टी मिल सकेगी।
शिक्षा निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि पाठ्यक्रम में हुए बदलाव के कारण चालू शैक्षणिक सत्र नौंवी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए बेहद ही चुनौतीपूर्ण हो गया है। दसवीं कक्षा के सभी विद्यार्थियों को इस बार बोर्ड परीक्षा में बैठना होगा, वहीं बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को इस सत्र में अंक मॉडरेशन और ग्रेड की सुविधा नहीं मिलेगी। ऐसी स्थिति में विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए ठीक से तैयार करना शिक्षकों की बड़ी जिम्मेदारी है। अकादमिक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने और अनुशासन बनाए रखने के लिए नए नियमों के अंतर्गत स्कूल प्रमुखों को स्कूल शुरू होने से 15 मिनट पहले, जबकि शिक्षकों को किसी भी हालत में पांच मिनट पहले स्कूल पहुंचना होगा। स्कूल शुरू होने के समय से 15 मिनट पहले दो शिक्षकों की तैनाती स्कूल गेट पर करनी होगी, जो यह निगरानी करेंगे कि रोजाना कौन से विद्यार्थी देरी से स्कूल आ रहे हैं। ऐसे विद्यार्थियों का नाम डायरी में दर्ज किया जाएगा और उनके अभिभावकों को इस बारे में सूचित भी किया जाएगा।
शिक्षकों की कमी को देखते हुए 28 फरवरी तक नौंवी, दसवीं, ग्यारहवीं व बारहवीं कक्षा के शिक्षकों की छुट्टी पर रोक लगा दी गई है। आवश्यकता पड़ने पर उपशिक्षा अधिकारी जोन की अनुमति से ही शिक्षकों को छुट्टी मिल सकेगी।
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