टीईटी उत्तीर्ण
शिक्षा मित्रों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर सहायक अध्यापक
भर्ती के लिए लिखित परीक्षा से उन्हें मुक्त रखते हुए ग्रेडिंग से ही
भर्ती करने की मांग की।
शिक्षा मित्रों ने सात सूत्रीय मांग
पत्र सौंपकर मुख्यमंत्री से कहा कि टीईटी उत्तीर्ण करने के बाद सहायक
अध्यापक भर्ती के लिए अन्य कोई लिखित परीक्षा कराने का कोई औचित्य नहीं है,
इसलिए ग्रेडिंग से ही भर्ती की जाए।
इसके साथ ही, दीपावली से पहले मानदेय का भुगतान कराने, पूर्व में समायोजित 1.37 लाख शिक्षा मित्रों को 1 जनवरी-2016 से 31 जुलाई-2017 तक सातवें वेतनमान अवशेष का नकद भुगतान कराने और 15 अक्तूबर को होने वाली टीईटी का परिणाम जल्द जारी कर सहायक अध्यापक के रिक्त पदों पर नवंबर में ही भर्ती निकालने की मांग की गई।
इसके साथ ही, दीपावली से पहले मानदेय का भुगतान कराने, पूर्व में समायोजित 1.37 लाख शिक्षा मित्रों को 1 जनवरी-2016 से 31 जुलाई-2017 तक सातवें वेतनमान अवशेष का नकद भुगतान कराने और 15 अक्तूबर को होने वाली टीईटी का परिणाम जल्द जारी कर सहायक अध्यापक के रिक्त पदों पर नवंबर में ही भर्ती निकालने की मांग की गई।
कैबिनेट ने पहले ही लिखित परीक्षा के लिए दे दी मंजूरी
गौरतलब है कि यूपी कैबिनेट ने प्रदेश में 1.37 प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती
के लिए चयन प्रक्रिया में बदलाव से जुड़े प्रस्ताव को पहले ही मंजूरी दे
दी। जिससे अब शिक्षकों की भर्ती लिखित परीक्षा से ही होगी।
इसमें वही अभ्यर्थी आवेदन के पात्र होंगे जिन्होंने टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण की होगी। यही व्यवस्था शिक्षामित्रों के लिए भी होगी। अर्थात शिक्षामित्रों को शिक्षक बनने के लिए अब टीईटी पास करने के साथ ही लिखित परीक्षा भी पास करनी होगी।
सरकार ने इस पर बयान देते हुए कहा था कि यूपी बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली पुनरीक्षित प्राक्लन एवं उच्च विशिष्टियों का अनुमोदन किया गया है। अब शिक्षक चयन का मापदंड लिखित परीक्षा होगी।
लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के प्राप्तांक प्रतिशत का 60 प्रतिशत अंक उनके गुणांक के साथ जोड़ा जाएगा। 40 नंबर का शैक्षिक गुणांक होगा। इस तरह लिखित परीक्षा के प्राप्तांक प्रतिशत के 60 प्रतिशत व शैक्षिक गुणांक से मेरिट बनेगी।
इसमें वही अभ्यर्थी आवेदन के पात्र होंगे जिन्होंने टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण की होगी। यही व्यवस्था शिक्षामित्रों के लिए भी होगी। अर्थात शिक्षामित्रों को शिक्षक बनने के लिए अब टीईटी पास करने के साथ ही लिखित परीक्षा भी पास करनी होगी।
सरकार ने इस पर बयान देते हुए कहा था कि यूपी बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली पुनरीक्षित प्राक्लन एवं उच्च विशिष्टियों का अनुमोदन किया गया है। अब शिक्षक चयन का मापदंड लिखित परीक्षा होगी।
लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के प्राप्तांक प्रतिशत का 60 प्रतिशत अंक उनके गुणांक के साथ जोड़ा जाएगा। 40 नंबर का शैक्षिक गुणांक होगा। इस तरह लिखित परीक्षा के प्राप्तांक प्रतिशत के 60 प्रतिशत व शैक्षिक गुणांक से मेरिट बनेगी।
परीक्षा में बैठने के लिए टीईटी पास होना अनिवार्य
लिखित परीक्षा में वही अभ्यर्थी बैठ पाएंगे जो स्नातक प्रशिक्षित होंगे और जिन्होंने टीईटी पास की होगी।
यूपी सरकार के अनुसार, सुप्रीमकोर्ट के आदेश के अनुसार शिक्षामित्रों को पूरा लाभ दिया जाएगा। इसके तहत 2.5 अंक भारांक प्रत्येक पूर्ण शिक्षण वर्ष के अनुभव के आधार पर मिलेगा। लेकिन यह भारांक अधिकतम 25 अंक का होगा। बेसिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनुपमा जायसवाल ने बताया कि शिक्षामित्रों को वेटेज 2.5 अंक प्रतिवर्ष अनुभव के आधार मिलेगा।
लेकिन यदि वेटेज 30 नंबर तक होता है तो भी अधिकतम वेटेज 25 नंबर का ही मिलेगा। उन्होंने बताया कि शिक्षामित्रों को 60 वर्ष की अधिकतम उम्र सीमा का लाभ पहले से ही तय है। इसका लाभ उन्हें मिलेगा।
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