गोरखपुर : पिपराइच स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय महरी की महिला अध्यापक
सोमवार को अर्धवार्षिक परीक्षा के बाद कक्षा आठ की एक छात्रा को कक्षा में
ही बंद करके चली गई। देर शाम तक जब छात्र घर नहीं पहुंची तो परिवारीजन
परेशान हो गए। भाई उसे खोजते हुए स्कूल पहुंचा तो कक्षा में बेहोशी की हालत
में मिली। ताला तोड़कर छात्र को बाहर निकाला गया। घटना से आक्रोशित
ग्रामीणों ने विरोध में प्रदर्शन कर अध्यापिका के खिलाफ कार्रवाई की मांग
की। बीएसए का कहना है कि जांच के लिए खंड शिक्षा अधिकारी को निर्देशित कर
दिया गया है। दोषी के खिलाफ कार्रवाई होगी।
गांव महरी निवासी सुदर्शन की 14 वर्षीय पुत्री अनुपमा कक्षा आठ की छात्र है। विद्यालय में 24 बच्चों के लिए चार अध्यापक तैनात हैं। सोमवार को 12 बच्चे परीक्षा देने आये थे। छात्र के साथ उसकी कक्षा में सिर्फ चार बच्चे परीक्षा दे रहे थे। परीक्षा के दौरान ही छात्र कक्षा में सो गई। अध्यापक परीक्षा के बाद कक्षा को बिना ध्यान से देखे चली गईं। बाद में कक्षा में ताला जड़ दिया गया। छात्र कक्षा में दिन में तीन बजे से लेकर रात नौ बजे तक कैद रही। छात्र का भाई रात को घर आया तो उसे मामले की जानकारी हुई। काफी खोजबीन के बाद वह स्कूल पहुंचा। वहां उसे उसकी बहन खिड़की से बेहोशी की हालत में दिखाई।
ताला तोड़ जब उसे बाहर निकाला गया तो उसका शरीर तेज बुखार से तप रहा था। प्राथमिक इलाज कराया गया तो वह सामान्य हुई। इस घटना को लेकर मंगलवार को सुबह दर्जनों लोग स्कूल पहुंच गए और प्रदर्शन करने लगे। वे मौके पर बीएसए को बुलाने तथा महिला अध्यापक के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे। प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रतिमा श्रीवास्तव और सहायक अध्यापक बीना शाही ने अपनी गलती स्वीकार की।
गांव महरी निवासी सुदर्शन की 14 वर्षीय पुत्री अनुपमा कक्षा आठ की छात्र है। विद्यालय में 24 बच्चों के लिए चार अध्यापक तैनात हैं। सोमवार को 12 बच्चे परीक्षा देने आये थे। छात्र के साथ उसकी कक्षा में सिर्फ चार बच्चे परीक्षा दे रहे थे। परीक्षा के दौरान ही छात्र कक्षा में सो गई। अध्यापक परीक्षा के बाद कक्षा को बिना ध्यान से देखे चली गईं। बाद में कक्षा में ताला जड़ दिया गया। छात्र कक्षा में दिन में तीन बजे से लेकर रात नौ बजे तक कैद रही। छात्र का भाई रात को घर आया तो उसे मामले की जानकारी हुई। काफी खोजबीन के बाद वह स्कूल पहुंचा। वहां उसे उसकी बहन खिड़की से बेहोशी की हालत में दिखाई।
ताला तोड़ जब उसे बाहर निकाला गया तो उसका शरीर तेज बुखार से तप रहा था। प्राथमिक इलाज कराया गया तो वह सामान्य हुई। इस घटना को लेकर मंगलवार को सुबह दर्जनों लोग स्कूल पहुंच गए और प्रदर्शन करने लगे। वे मौके पर बीएसए को बुलाने तथा महिला अध्यापक के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे। प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रतिमा श्रीवास्तव और सहायक अध्यापक बीना शाही ने अपनी गलती स्वीकार की।
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