अलीगढ़ : कोरोना के कहर से जूझती अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की
दिक्कतें इंटरनेट मीडिया के एक झूठ ने बढ़ा दी हैं। यूनिवर्सिटी ने एक माह
के दौरान यूनिवर्सिटी 20 शिक्षक खो दिए। इनमें से 13 की मौत कोरोना से हुई।
कुछ की मौत अन्य बीमारियों से हुई, जबकि इंटरनेट मीडिया पर 45 शिक्षकों के
निधन की खबरें वायरल हैं। 45 लोगों की इस सूची में वे सेवानिवृत्त शिक्षक व
कर्मचारी भी शामिल कर लिए गए जिनमें से अधिकांश यहां रहते नहीं और उनकी
मौत भी अलीगढ़ में नहीं हुई।
करीब
एक सप्ताह से यह सूची चर्चा और विवाद का सबब बनी है। इसी सूची से चिंतित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मशविरे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 13
मई को एएमयू का दौरा किया। इससे पहले 11 मई को उन्होंने एएमयू कुलपति को
फोन कर यहां का हाल जाना था। जेएन मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल प्रो. शाहिद
सिद्दीकी ने बताया कि इंटरनेट मीडिया पर वायरल 45 शिक्षकों के निधन की सूची
बिल्कुल गलत है और पता नहीं किस कारण यह गलत प्रचार किया जा रहा है। उनके
अनुसार कोरोना काल में 20 शिक्षकों का निधन हुआ है। इनमें 13 शिक्षकों की
मौत का कारण कोरोना था जबकि अन्य शिक्षकों की रिपेार्ट निगेटिव आ चुकी थी।
लंबे
समय से भाजपा और एएमयू के बीच बनी दूरी सीएम योगी आदित्यनाथ के दौरे के
बाद कम होती दिखी है। इसके पीछे एएमयू के चांसलर डा. सैयदना मुफद्दल
सैफुद्दीन की फिक्र व यूनिवर्सटिी के प्रति प्रधानमंत्री का लगाव रहा।
एएमयू के कुलपति प्रो. तारिक मंसूर, रजिस्ट्रार अब्दुल हमीद, जेएन मेडिकल
कालेज के प्रिंसिपल प्रो. शाहिद ए सिद्दीकी, मेडिसिन संकाय के डीन प्रो.
राकेश भार्गव व कार्यवाहक चिकित्सा अधीक्षक प्रो. अमजद अली रिजवी के साथ
बैठक के दौरान सीएम ने कहा भी था कि उन्हें प्रधानमंत्री ने एएमयू जाने की
सलाह दी थी। एक साल से भाजपा नेताओं की एएमयू से दूरी कम करने के प्रयास चल
रहे हैं। एएमयू के सौ साल पूरे होने पर उसके शताब्दी समारोह में
प्रधानमंत्री मोदी शामिल हुए थे। इससे पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश
पोखरियाल निशंक एएमयू के आयोजन में आनलाइन शामिल हुए। यूनिवर्सिटी के
शिक्षकों की मौत की खबर के बाद 11 मई को योगी व केंद्रीय शिक्षा मंत्री
रमेश पोखरियाल निशंक ने कुलपति से फोन पर बात कर उन्हें हर तरह से मदद का
भरोसा भी दिया था।
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