कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होते ही डीएलएड 2021 में प्रवेश के लिए प्रक्रिया शुरू की जाए। इस सत्र से डीएलएड में प्रवेश लिखित परीक्षा से कराने की तैयारी है। अभी तक इस पाठ्यक्रम में मेरिट के आधार पर प्रवेश होता आया है। इस संबंध में प्रस्ताव शासन को भेज दिया है।
शिक्षकों
की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए सरकार ने लिखित परीक्षा से प्रवेश लेने का
निर्णय लिया है क्योंकि डीएलड की सीटें भले ही दो लाख हों लेकिन डीएलएड
करके शिक्षक भर्ती के लिए मान्य अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास करने
वाले अभ्यर्थी कम होते हैं। मसलन 2020 की टीईटी में प्राइमरी स्तर पर 29.74
प्रतिशत तो उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा में मात्र 11.46 प्रतिशत
अभ्यर्थी ही सफल हो पाए।
वहीं इसके बाद प्राइमरी
स्कूल में शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में भी अभ्यर्थियों की सफलता का
प्रतिशत कम होता है। उदाहरण के तौर पर 68000 शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए
आयोजित लिखित परीक्षा में लगभग 55 हजार अभ्यर्थी ही सफल हुए। प्राइमरी
स्कूल में शिक्षक बनने के लिए डीएलएड के बाद टीईटी और फिर शिक्षक भर्ती
परीक्षा पास करना अनिवार्य है। हालांकि डीएलएड की लिखित परीक्षा को लेकर
संशय बरकरार है क्योंकि यदि संक्रमण इसी तरह रहा तो प्रवेश परीक्षा पर संकट
है।
सरकार ने पिछले वर्ष भी
डीएलएड में प्रवेश नहीं लिया था जबकि निजी कॉलेजों ने सरकार पर प्रवेश लेने
के लिए दबाव बनाया था लेकिन स्नातक की परीक्षाएं देर से होने के कारण
प्रवेश नहीं हो पाए। लिहाजा इस बार डीएलएड का सत्र शुरू होना तय है। प्रदेश
के 67 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों व 3103 निजी कालेजों में
डीएलएड की दो लाख से ज्यादा सीटें हैं।
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