वाराणसी : एक व भी समय था जब बच्चों को पढ़ने के लिए एक से दूसरे गांव
जाना पड़ता था। उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए छात्रों को अपना शहर छोड़ना
पड़ता था आर्थिक तंगी के कारण तमाम होनहारों की पढ़ाई रुक जाती थी, मगर अब
ऐसा नहीं है। शिक्षा की राह में शासन ने हर कदम छात्रवृत्ति ( वजीफा) रूपी
कालीन बिछा रखी है, जिससे किसी होनहार की पढ़ाई का सपना पैसे के अभाव में
टूट न सके। हर जन को शिक्षित करने के उद्देश्य से गांव-गांव प्राथमिक व
माध्यमिक विद्यालय खुल गए हैं। कोई ऐसा शहर नहीं जहां उच्च शिक्षा के लिए
महाविद्यालय न हों। मेधावियों के लिए प्राथमिक से उच्च शिक्षा तक
छात्रवृत्ति सुविधा है। आर्थिक संसाधनों की कमी अब रोड़ा नहीं है। आरटीआइ
बना सपनों का सेतु : राइट टू-एजेशन (शिक्षा का अधिकार) के तहत सरकारी
विद्यालयों में 14 वर्ष तक के बच्चों की पढ़ाई मुफ्त है। निजी स्कूलों में
25 फीसद सीट एससी/एसटी व आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए आरक्षित है।
कक्षा एक से आठ तक निश्शुल्क पढ़ने की सुविधा है। ड्रेस, किताब-
कापी के लिए अभिभावकों को शासन से पांच हजार रुपये वार्षिक सहायता भी मिलती है।
विभाग कर रहा समाज का कल्याण : सूबे में कक्षा नौ से स्नातकोत्तर तक के लिए समाज कल्याण विभाग की ओर
से
छात्रवृत्ति मिली है। जिला समाज कल्याण अधिकारी मीना श्रीवास्तव ने बताया
कि छात्रवृत्ति आवेदन के लिए जाति-धर्म का कोई बंधन नहीं है। कोई भी छात्र
आवेदन कर सकता है। विभाग बजट के अनुसार छात्रवृत्ति जारी करता है। कोविड
काल के कारण वर्ष 2020-21 के कई विद्यार्थियों को अब तक छात्रवृत्ति व
शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं मिली है। हालांकि चरणबद्ध तरीके से विद्यार्थियों
के खाते में छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति की राशि स्थानांतरित हो रही
है।
•आवेदन ऑनलाइन : छात्रवृत्ति आवेदन ऑनलाइन
भरा जा सकता है। सत्र 2021-22 का छात्रवृत्ति आवेदन जुलाई-अगस्त तक वेबसाइट
पर अपलोड होने की संभावना है।
शुल्क प्रतिपूर्ति की सुविधा
समाज
कल्याण विभाग माध्यमिक विद्यालयों व विश्वविद्यालयों की पूरी फीस
छात्रवृत्ति के रूप में विद्यार्थियों को देता है। अर्थात विद्यार्थी को एक
| रुपये भी अपने पास से नहीं देना होता है।
राष्ट्रीय प्रतिभा खोज
मनोविज्ञानशाला
प्रयागराज की | राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित छात्रवृत्ति योजना भी है।
इसके तहत प्रतिवर्ष राज्य स्तर पर राष्ट्रीय प्रतिभा खोज प्रतियोगिता कराई
जाती है। राज्य की प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने को छात्रवृत्ति दी जाती
है।
| राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल
राष्ट्रीय
छात्रवृत्ति पोर्टल ( एनएसपी) | योजना मूलत: अल्पसंख्यकों के लिए है। प्री
मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक और मेरिट आधार पर राष्ट्रीय छात्रवृत्ति प्रदान की
जाती है।
पीएचडी के लिए नेट सेट
मेधावी
छात्रों को माध्यमिक स्तर से उच्च शिक्षा तक छात्रवृत्ति संग शुल्क
प्रतिपूर्ति की सुविधा है। पीएचडी के लिए नेट, सेट फेलोशिप सहित कई |
सुविधाएं उपलब्ध हैं।
ये विद्यार्थी होंगे पात्र
समाज
कल्याण विभाग की पूर्व दशमोत्तर (कक्षा नौ-दस व दशमोत्तर छात्रवृत्ति लिए
किसी भी वर्ग का छात्र आवेदन कर सकता | है। सामान्य, ओबीसी, अल्पसंख्यक |
श्रेणी के माता-पिता, अभिभावक जिनकी आय सालाना दो लाख रुपये से अधिक न हो,
आवेदन कर सकते है। इसी तरह से एससी / एसटी छात्रों के लिए माता-पिता या
अभिभावक की सालाना आय दो लाख 50 हजार रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
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