प्रयागराज: चुनावी ड्यूटी के दौरान संक्रमित होने के बाद जान गंवाने
वाले शिक्षकों और कर्मचारियों के परिजनों ने मुख्यमंत्री की घोषणा से राहत
महसूस की है लेकिन उन्हें गाइडलाइन का इंतजार है। उन्हें आशंका है कि
गाइडलाइन में कोई ऐसी शर्त न हो जिससे वे लाभार्थियों को सूची से ही बाहर
हो जाएं। इस आशंका के मद्देनजर यूनियन के पदाधिकारियों का स्पष्ट कहना है
कि चुनावी ड्यूटी करने वाले सभी मृतकों के परिजनों को मुआवजे की राशि और एक
परिजन को जल्द से जल्द नौकरी दी जाए। उनकी कोविड जांच की रिपोर्ट चाहे जब
भी पॉजिटिव आई हो। जिले में 100 से अधिक शिक्षकों और कर्मचारियों को कोविड
संक्रमण की वजह से मौत हुई है। इनमें से 72 पंचायत चुनाव की ड्यूटी के
दौरान संक्रमित हुए थे। इनमें 46 तो माध्यमिक एवं प्राथमिक शिक्षक शामिल
हैं। चुनावी ड्यूटी के दौरान निधन पर 30 लाख रुपये अनुग्रह राशि दिए जाने
का प्रावधान है। इस बाबत 72 शिक्षकों और कर्मचारियों की सूची सीडीओ को भेजी
गई थी लेकिन निर्वाचन आयोग ने सभी के प्रस्ताव अस्वीकार कर दिए। निर्वाचन
आयोग की गाइडलाइन के अनुसार ड्यूटी के दौरान निधन पर ही अनुग्रह राशि
दी जाएगी। हालांकि शिक्षकों और कर्मचारियों के विरोध के बाद मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ ने चुनाव ड्यूटी के दौरान संक्रमित होने के बाद जान गंवाने
वाले सभी को यह लाभ दिए जाने की बात कही है। इसके लिए गाइडलाइन में
परिवर्तन का भी आदेश दिया है। अभी गाइडलाइन नहीं आई हैं। इसलिए अफसर कुछ भी
बोलने से बच रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री की इस घोषणा से शिक्षकों और
कर्मचारियों में मुआवजे की उम्मीद जगी है लेकिन नई गाइडलाइन को लेकर भी
उनमें कई तरह की आशंकाएं हैं। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष देवेंद्र
श्रीवास्तव का कहना है कि कोविड संक्रमण वाली बीमारी है। इसलिए इसे समय
सीमा में नहीं बांधा जा सकता।q
प्रशिक्षण, पोलिंग
पार्टी की रवानगी स्थल, स्ट्रांग रूम समेत हर जगह संक्रमण का बराबर खतरा
रहा इसलिए चुनावी ड्यूटी में शामिल हर मृतक शिक्षक के परिजनों को मुआवजा और
नौकरी मिलनी चाहिए। उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ के कार्यवाहक
जिलाध्यक्ष राजेंद्र त्रिपाठी का कहना है कि ड्यूटी के बाद दो-तीन दिन तो
लक्षण आने में लग जाते हैं। इसके बाद जांच कराना काफी जटिल था। इसलिए चुनाव
ड्यूटी के बाद कम से कम एक सप्ताह तक की जांच में पॉजिटिव आने वालों को यह
लाभ मिलना चाहिए।
अन्य संक्रमित कर्मचारियों को भी मिले 25 लाख
देवेंद्र
श्रीवास्तव और राजेंद्र त्रिपाठी ने चुनाव ड्यूटी में जान गंवाने वाले
शिक्षकों और कर्मचारियों के परिजनों को एक करोड़ रुपये मुआवजा दिए जाने की
मांग की। देवेंद्र का कहना है कि न्यायालय ने भी इस पर विचार करने के लिए
कहा है। वहीं राजेंद्र त्रिपाठी का कहना है कि चुनाव ड्यूटी के दौरान
संक्रमित होने वाले अन्य कर्मचारियों के परिजन भी बीमार पड़ गए थे। ऐसे में
उन्होंने इलाज में 10 से 15 लाख रुपये खर्च किए इसका हवाला देते हुए
उन्होंने अन्य संक्रमित कर्मचारियों को भी 25 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने की
मांग की।
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