नई दिल्ली : कोरोना संक्रमण की नई लहर से देशभर में मचे हाहाकार के बीच विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने फिलहाल परीक्षाओं से जुड़ा फैसला विश्वविद्यालयों पर छोड़ दिया है। वे स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए परीक्षाएं कराने या फिर छात्रों को सीधे प्रमोट करने का फैसला ले सकेंगे। हालांकि अब तक जो स्थिति है, उसमें ज्यादातर विश्वविद्यालयों ने अंतिम वर्ष को छोड़कर बाकी सभी छात्रों को बगैर परीक्षा के ही अगली कक्षाओं में प्रमोट करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए विश्वविद्यालयों ने यूजीसी की ओर से पिछले साल परीक्षाओं को लेकर तय की गई गाइडलाइन को आधार बनाया है।
यूजीसी
का कहना है कि कोरोना संक्रमण का प्रभाव देश के अलग-अलग हिस्सों में कम और
ज्यादा है। ऐसे में परीक्षाओं को लेकर इस बार कोई स्टैंडर्ड गाइडलाइन अभी
नहीं बनाई गई है। लिहाजा आयोग ने सभी विश्वविद्यालयों को पिछले साल ही
परीक्षाओं और नए शैक्षणिक सत्र को लेकर तैयार की गई गाइडलाइन के आधार पर
तैयारी करने को कहा है। यूजीसी का साफ कहना है कि यदि किसी विश्वविद्यालय
को कहीं कोई असुविधा होगी तो उन्हें जरूरी दिशा-निर्देश दिए जाएंगे।
इस
बीच, विश्वविद्यालयों ने स्नातक के पहले और दूसरे वर्ष के छात्रों को
आंतरिक आकलन या फिर पिछले साल के प्रदर्शन के आधार पर अंक प्रदान करके
प्रमोट करने की तैयारी शुरू कर दी है। अंतिम वर्ष की परीक्षाएं जुलाई-अगस्त
में कराने की योजना पर काम हो रहा है।
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