पर्यावरण को बेहतर बनाने में प्रदेश के परिषदीय स्कूलों की
भूमिका को बढ़ाया जाएगा। अब जिन विद्यालयों में स्थान उपलब्ध होंगे वहां
अनिवार्य रूप से पौधों की नर्सरी लगाई जाएगी। यह निर्देश महानिदेशक स्कूल
शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक विजय किरन आनंद की तरफ से जारी किए गए
हैं।
सभी
जिलाधिकारियों को भेजे पत्र में कहा गया है कि कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण
एवं गहन निवारक उपायों को दृष्टिगत कर विद्यालयों में स्वास्थ्य व स्वच्छता
संबंधी सुविधाओं का विकास किया जाए। मानसून से पूर्व सभी विद्यालयों में
पौधों की नर्सरी विकसित कराएं। ऐसा इसलिए कि जन समुदाय की भागीदारी पौधा
रोपण अभियान के लिए सुनिश्चित हो सके।
यह भी
ध्यान रखना है कि जो पौधे तैयार हों वह फलदार व छायादार प्रकृति के हों।
जिला उद्यान अधिकारी या वन अधिकारी को विद्यालय की नर्सरी के लिए पौधे
उपलब्ध कराने होंगे। नर्सरी निर्माण व पौधों के रोपण के बाद उनकी सुरक्षा
के लिए कटीले तार, बायो फैंसिंग आदि का इंतजाम स्थानीय स्तर पर किया जाएगा।
इस
पूरे अभियान को सफल बनाने में बेसिक शिक्षा विभाग, पंचायतीराज विभाग के
अधिकारी, कर्मचारी, अध्यापकों, जन प्रतिनिधियों एवं स्वच्छ भारत मिशन,
कोविड महामारी के अंतर्गत गठित निगरानी समिति के सदस्यों की मदद ली जाएगी।
’>>पौधारोपण में जन भागीदारी के लिए उठाया जा रहा कदम
’>>उद्यान विभाग और वन विभाग उपलब्ध कराएंगे पौधे
नई पहल
2852 विद्यालयों में से सिर्फ 1400 विद्यालयों में स्थान उपलब्ध
जिला
बेसिक शिक्षाधिकारी संजय कुशवाहा ने बताया कि जनपद में कुल 2852 परिषदीय
विद्यालय हैं। इनमें से करीब 1400 विद्यालयों में स्थान की उपलब्धता है।
शहरी क्षेत्रों के विद्यालयों में जगह कम है। फिलहाल शासन के निर्देशों के
अनुसार सभी विद्यालयों में नर्सरी के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। अभियान में
शिक्षकों का भी सहयोग महत्वपूर्ण होगा। विद्याíथयों के साथ आसपास के लोगों
की भी भागीदारी सुनिश्चत की जाएगी। इस कार्य में जरूरत के अनुसार कंपोजिट
ग्रांट का प्रयोग किया जाएगा।
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