प्रयागराज : उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) निरस्त भर्तियों के साथ ही वे भर्ती भी नहीं जारी कर रहा है, जिनका अधियाचन उसे मिल चुका है। इससे प्रतियोगी निराश हैं, उनका कहना है कि आयोग को सात साल बाद भर्ती जारी करना चाहिए, हर बार वह परीक्षा कैलेंडर में भर्ती का जिक्र कर रहा है लेकिन, विज्ञापन निकालने में आनाकानी जारी है।
यूपीपीएससी
हर साल करीब एक से डेढ़ दर्जन भर्तियां कराता आ रहा है। इसमें एपीएस यानी
अपर निजी सचिव भर्ती भी शामिल है। प्रतियोगियों का कहना है कि आयोग ने सात
साल से एपीएस की भर्ती नहीं निकाली है। हर साल वे विज्ञापन जारी होने की
राह देखते हैं और अंत में निराश होना पड़ता है। इतना ही नहीं आयोग ने दो
बार परीक्षा कैलेंडर में एपीएस भर्ती को स्थान दिया। लेकिन, तय समय पर
विज्ञापन जारी नहीं किया गया। प्रतियोगियों का दावा है कि आयोग के पास लगभग
250 पदों पर भर्ती का अधियाचन मिल चुका है। फिर भी उसकी भर्ती नहीं कराई
जा रही है। ज्ञात हो कि पिछली भर्ती में चयन पर सवाल उठे थे, उसके बाद से
भर्ती की अनदेखी की जा रही है। वहीं आयोग का कहना है कि भर्ती के रिक्त पद
मिलने पर जरूर घोषित किए जाएंगे इस संबंध में निर्णय आयोग करेगा।
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