उत्तर प्रदेश कर्मचारी संघ संयुक्त परिषद का दावा है कि प्रदेश में दो हजार शिक्षक एवं कर्मचारी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की भेंट चढ़ गए हैं। संघ ने सरकार से मृतक कर्मचारियों और शिक्षकों के आश्रितों को 50-50 लाख रुपये मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की है।
संघ
के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी का कहना है कि पंचायत चुनाव में ड्यूटी के
दौरान हजारों की संख्या में शिक्षक एवं कर्मचारी कोरोना संक्रमित हुए।
इनमें से करीब एक हजार शिक्षकों और इतने ही कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण
के कारण मौत हो गई। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त बड़ी संख्या में कोरोना
संक्रमित कर्मचारियों और शिक्षकों के संपर्क में आए उनके परिजनों की भी मौत
हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव ड्यूटी में कोविड प्रोटोकॉल का पालन
नहीं कराया गया। संक्रमित शिक्षकों और कर्मचारियों को समय पर उपचार नहीं
मिला।
शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश
चंद्र शर्मा का कहना है कि उन्होंने करीब एक सप्ताह पहले सात सौ से अधिक
मृतक शिक्षकों की सूची सरकार को दी है। उन्होंने कहा कि सरकार को तुरंत
मृतकों के परिवारजन को 50-50 लाख मुआवजा और सरकारी नौकरी देनी चाहिए।
वाणिज्य कर विभाग में 800 कर्मचारी कोरोना संक्रमित
वाणिज्य
कर विभाग के करीब 800 कर्मचारी और अधिकारी कोविड-19 से संक्रमित हैं। इसके
मद्देनजर विभागीय अधिकारियों को संपत्ति का ब्यौरा देने की तिथि बढ़ाकर 31
मई कर दी गई है। वाणिज्य कर आयुक्त मिनिस्ती एस ने इस संबंध में सभी
विभागीय अधिकारियों को पत्र भेजा है।
इसमें कहा
गया है कि इस समय विभाग में कोरोना से लगभग 800 से अधिकारी व कर्मचारी
संक्रमित हैं। इसलिए संपत्तियों का विवरण का प्रारूप अपलोड करने की तिथि 30
अप्रैल से 31 मई कर दी गई है और वार्षिक कार्य विवरण ऑनलाइन अपलोड करने की
तिथि 15 मई से 30 जून कर दी गई है। वाणिज्य कर विभाग में कोरोना प्रभावित
अधिकतर कर्मचारी या तो घर पर क्वारंटीन हैं या फिर अस्पतालों में भर्ती
हैं। इसके चलते विभाग का कामकाज भी प्रभावित हो रहा है।
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