नए
शिक्षकों के वेतन को लेकर पोर्टल का पेंच फंसा है। शासन की सख्ती के बाद
भी अभी तक नए शिक्षको को वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। जबकि शासन की ओर
से लगातार इसको लेकर मानीटरिंग भी की जा रही है। शासन को भी वेतन भुगतान
के मामले में गुमराह करने का काम किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में नए शिक्षक
परेशान हो रहे हैं। शिक्षक संगठनों के व्हाट्सएप गु्रप में रोजाना ही वेतन
भुगतान को लेकर जानकारी की जा रही है। दिसंबर माह में नए शिक्षकों ने
ज्वाइन किया था तब से लेकर अब तक शिक्षक वेतन को लेकर परेशान हैं।
पहले
शिक्षकों को हाईस्कूल, इंटर के सत्यापन के नाम पर परेशान किया गया। जैसे
तैसे सत्यापन की सूची जारी की गई तो उसमें भी दर्जनों शिक्षकों के नाम
शामिल ही नहंीं थे। भिन्न भिन्न कारणों से पत्रावलियों को रोक लिया गया।
यही नहीं संबंधित शिक्षकों को यह भी कारण नहीं बताया जा रहा है कि किन कारण
से पत्रावलियों को रोका गया है। अब जबकि वेतन भुगतान की नौबत आई तो इसमें
पोर्टल का पेंच फंस गया है। वित्त लेखाधिकारी अजीत कुमार ने बीएसए को पत्र
लिखकर बताया कि गत माह से कार्यरत परिषदीय अध्यापकों का वेतन मानव संपदा
पोर्टल से भुगतान की कार्रवाई संपादित की जा रही है। शासन के आदेशानुसार
नवीन अध्यापकों के वेतन भुगतान से संबंधित आदेश माह जून में निर्गत किए गए
थे। खंड शिक्षाधिकारियों की ओर से नए शिक्षकों के वेतन जोड़ने की कार्रवाई
संपादित की गई है। इसके बाद वेतन अंतर जांच के लिए उनके कार्यालय में
प्रेेषित किया गया था। बीएसए को यह भी बताया कि वेतन अंतर प्राप्त होने पर
जांच के दौरान ही पिछले चार दिन से मानव संपदा पोर्टल तकनीकी कारणों से
कार्य नहीं कर रहा है। बीएसए को पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया कि अपने
स्तर से एनआईसी लखनऊ से संपर्क कर समस्या का हल निकलवाया जाना सुनिश्चित
करें जिससे कि मई के वेतन भुगतान की कार्रवाई संपादित की जा सके।