प्रयागराज माफिया पर ताबड़तोड़ कार्रवाई करने वाली
पुलिस शिक्षक भर्ती गैंग के सरगना कृष्ण लाल उर्फ केएल पटेल के खिलाफ कमजोर
साबित हो रही है। बहरिया के कपसा गांव निवासी केएल और उसके गिरोह के
सदस्यों के विरुद्ध गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज हुए कई माह बीत गए, लेकिन अब
तक एक भी संपत्ति कुर्क नहीं की जा सकी है। इससे सोरांव पुलिस की कार्यशैली
पर सवाल उठ रहे हैं। चौंकाने वाली बात तो यह है कि गैंगस्टर का केस होने
के बावजूद अभियुक्त जमानत पर जेल से बाहर आ चुका है।
प्रदेश
के परिषदीय स्कूलों में 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में
फर्जीवाड़े का मुख्य आरोपित केएल पटेल को पुलिस ने एक साल पहले पांच लोगों
को गिरफ्तार किया था। फिर उसके स्कूल से नकदी बरामद करते हुए अन्य सदस्यों
को पकड़ा गया था। मामला प्रदेश स्तर पर चर्चा में आने के बाद मुकदमे की
विवेचना स्पेशल टास्क फोर्स ( एसटीएफ ) को दी गई थी, जिसके बाद कुल 20
लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। एसटीएफ को छानबीन में पता चला था कि
केएल पटेल के पास छह स्कूल व कालेज हैं। वह खुद झांसी स्थित एक स्वास्थ
केंद्र में डाक्टर के पद पर कार्यरत था। दूसरे आरोपित मायापति दुबे, स्कूल
प्रबंधक चंद्रमा यादव, ललित त्रिपाठी, सत्यम पटेल, शिवदीप सिंह ने भी
अलग-अलग भर्ती परीक्षा में नौकरी के नाम पर करोड़ों की चल व अचल संपत्ति
अर्जित की है।
गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई के
लिए राजस्व व आरटीओ विभाग को पत्र लिखा गया था, लेकिन अब तक रिपोर्ट नहीं
आई है। फिर से रिमांइडर भेजकर कार्रवाई की जाएगी ।
• धवल जायसवाल, एसपी गंगापार |
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