गोरखपुर : भारत सरकार द्वारा 2030
तक नीतिगत पहलुओं को प्राप्त करने के उद्देश्य से तैयार की गई नई शिक्षा
नीति मौजूदा शिक्षा नीति में पूर्ण परिवर्तन है। यह विद्यार्थी की क्षमता
और अवधारणा पर आधारित सीखने की प्रक्रिया है न कि रटने वाली प्रक्रिया। यह
बातें नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी के रसायन विज्ञान एंड बायोकेमिस्ट्री
विभाग के प्रोफेसर डा एनबी सिंह ने कहीं।
वह
दिग्विजयनाथ पीजी कालेज की ओर से एडवांस्ड रिसर्च मेथोडोलॉजी एप्लीकेशन इन
नर्व एजुकेशन पालिसी विषय पर आयोजित सात दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट
प्रोग्राम में आनलाइन शामिल हुए। डीवीएनपीजी एवं साइंस टेक इंस्टीट्यूट
लखनऊ के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन महाविद्यालय के
प्राचार्य डॉ शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने किया। मुख्य वक्ता प्रोफेसर एनबी
सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालयों और कालेजों को धन प्रदान करने के लिए उच्च
शिक्षा अनुदान परिषद रहेगी। यह एआईसीटीई और यूजीसी की जगह लेगा। अनुसंधान
और नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एनआरए)
विकसित किया जाना है। कार्यक्रम में डा. परीक्षित सिंह प्रो. आरके शुक्ला
आदि की मौजूदगी रही।
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