माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से चयनितों को नहीं मिल रही नियुक्ति
जिला विद्यालय निरीक्षकों की संस्तुति पर जैसे-तैसे समायोजन
अजीब विडंबना है, जिला विद्यालय
निरीक्षक ही एडेड माध्यमिक कालेजों में रिक्त पदों का अधियाचन भेजते हैं,
लेकिन चयन बोर्ड से उन पदों के लिए चयनित अभ्यर्थी को जब संबंधित कालेज में
कार्यभार ग्रहण करने भेजा जाता है तो उसे पद खाली नहीं कहकर वापस लौटाया
जा रहा है। 2016 प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक व प्रवक्ता (टीजीटी-पीजीटी)
भर्ती में ही ऐसे चयनितों की तादाद 300 से अधिक है, जो मेधा के दम पर चयनित
होकर भी नियुक्ति के लिए भटक रहे हैं। उनकी नियुक्ति अब डीआइओएस की ‘कृपा’
पर निर्भर है।
माध्यमिक
शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक
कालेजों में टीजीटी-पीजीटी शिक्षकों का चयन करता आ रहा है। 2016
टीजीटी-पीजीटी भर्ती के अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा फरवरी व मार्च 2019
में कराई गई। साक्षात्कार के बाद सफल अभ्यर्थियों को संबंधित कालेजों में
नियुक्ति के लिए भेजा गया। विभिन्न जिलों में पहुंचे 322 अभ्यर्थियों को
कालेजों ने यह कहकर लौटा दिया कि संबंधित पद खाली नहीं है। इन अभ्यर्थियों
ने चयन बोर्ड में प्रत्यावेदन सौंपकर दूसरे कालेजों में खाली पदों पर
समायोजित करने की मुहिम शुरू की। चयन बोर्ड ने जिला विद्यालय निरीक्षकों से
समायोजन के विकल्प मांगकर दो दिन पहले 72 चयनितों को उसी जिले के दूसरे
कालेज आवंटित कर दिया है। करीब 250 से अधिक चयनित नियुक्ति मिलने की राह
देख रहे हैं। उनका समायोजन कराने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक संस्तुति
नहीं भेज रहे हैं। यह हाल तब है, जब कालेजों में बड़ी संख्या में पद खाली
हैं। जिला विद्यालय निरीक्षकों की दलील है कि वे रिक्त पदों का ब्योरा 2021
टीजीटी-पीजीटी चयन के लिए भेज चुके हैं, उन पदों पर नियुक्ति देंगे तो फिर
यही समस्या आने वाले चयनित के सामने खड़ी हो जाएगी। चयन बोर्ड ने
विज्ञप्ति जारी करके स्पष्ट किया है कि उन्हीं को समायोजित करेगा, जिनका
प्रस्ताव जिला विद्यालय निरीक्षक भेजेंगे। नियमावली 1998 के नियम 13 (5)
में यह व्यवस्था है कि जहां बोर्ड की ओर से चयनित अभ्यर्थी रिक्ति की
अनुपलब्धता या किसी अन्य कारण से आवंटित संस्था में कार्यभार ग्रहण नहीं कर
सके हैं, वहां जिला विद्यालय निरीक्षक ऐसे अभ्यर्थी के समायोजन के लिए
बोर्ड को संस्तुति करेंगे। संस्तुति मिलने पर बोर्ड अभ्यर्थी को दूसरी
संस्था आवंटित करेगा।
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