गर्भवती की प्रसव पूर्व या प्रसव के दौरान होने वाली मौत की सूचना देने वाले को एक हजार रुपये की राशि दी जाएगी। उत्तर प्रदेश में मातृ मृत्यु की रिपोर्टिग में गुणात्मक सुधार के लिए यह कदम उठाया गया है। इसकी सूचना आशा या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता या समुदाय का कोई भी व्यक्ति दे सकेगा। सिर्फ टोल फ्री नंबर 104 पर इसकी सूचना मान्य होगी। व्यक्ति को महिला का नाम, आयु, पति का नाम और घर का पता बताना होगा। प्रथम सूचना देने वाले व्यक्ति को यह धनराशि उसके बैंक खाते में आनलाइन ट्रांसफर की जाएगी।
महानिदेशक
परिवार कल्याण डा.लिली सिंह ने बताया कि मातृ मृत्यु दर में प्रभावी कमी
लाने के लिए यह पहल की गई है। मातृ मृत्यु की सूचना मिलने पर ब्लाक स्तर पर
तैनात इंचार्ज मेडिकल आफिसर द्वारा एक हफ्ते के भीतर मौत के कारण सहित
अपनी विस्तृत रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को दी जाएगी।
विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम इसके उपाय खोजेगी और मातृ मृत्यु में कमी लाने के लिए प्रयास किए जाएंगे। अभी मातृ मृत्यु की सूचना ढंग से नहीं मिल पाती। हालांकि, उप्र में मातृ मृत्यु दर में कमी आई है। एक लाख महिलाओं में से कितनी महिलाओं की प्रसव पूर्व या प्रसव के बाद मौत हुई, उसे मातृ मृत्यु दर कहते हैं।
रजिस्ट्रार जनरल आफ इंडिया के आंकड़ों
के अनुसार वर्ष 2014-16 तक मातृ मृत्यु दर 201 थी यानी एक लाख महिलाओं में
से 201 की मौत हुई थी। फिर वर्ष 2016 से वर्ष 2018 में यह घटकर 197 हो गई।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के महाप्रबंधक मातृत्व स्वास्थ्य
डा.मनोज शुक्ल ने बताया कि सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सुमन योजना के तहत
गर्भवती महिलाओं को कई लाभ दिए जा रहे हैं। मातृ मृत्यु व नवजात शिशु की
मृत्यु में कमी लाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
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