नई दिल्ली: स्कूली बच्चों को पर्याप्त पोषण मुहैया कराने में जुटी केंद्र सरकार ने बुधवार को एक बड़ा फैसला लिया। इसके तहत स्कूली बच्चों से जुड़ी करीब 26 साल पुरानी मिड-डे मील स्कीम के नाम को बदल दिया गया है। इसका नाम अब पीएम पोषण ( प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण) करने का एलान किया गया है। यानी सरकार भोजन देने के साथ ही बच्चों को सेहतमंद भी बनाएगी। पूरी स्कीम में कई अहम बदलावों को भी मंजूरी दी गई है। अगले पांच साल में स्कीम पर करीब 1.30 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री
मोदी की अगुआई में बुधवार को हुई आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक
में मिड-डे मील स्कीम में बदलाव को यह मंजूरी दी गई। इस पूरी योजना का लाभ
देशभर के करीब 12 करोड़ स्कूली बच्चों और करीब 11 लाख स्कूलों को मिलेगा।
पीएम पोषण के नाम से यह स्कीम इसी वित्तीय वर्ष से लागू होगी। स्कूली
बच्चों को मध्यान्ह भोजन मुहैया कराने के लिए मिड-डे मील स्कीम की यह
शुरुआत वर्ष 1995 में की गई थी। तब से यह स्कीम लगातार संचालित है और सरकार
की लोकप्रिय स्कीमों में शुमार है। इस पूरे बदलाव के पीछे जो अहम वजह बताई
जा रही है, उनमें स्कीम के मौजूदा नाम और स्वरूप में फोकस सिर्फ भोजन पर
था, जबकि सरकार का फोकस स्कूली बच्चों को अब पोषण युक्त भोजन उपलब्ध कराने
पर है जो नई स्कीम से स्पष्ट हो रहा है।
केंद्रीय
शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने योजना में किए गए बदलावों को साझा किया
और कहा कि इसमें पारदर्शिता पर जोर दिया गया है। स्कूलों को कुकिंग कास्ट
आदि का पैसा अब सीधे डीबीटी के जरिये भेजा जाएगा। साथ ही पोषण युक्त भोजन
देने में प्रत्येक जिले को यह छूट भी दी जाएगी कि वह स्थानीय स्तर पर
उपयुक्त पोषण युक्त खाद्यान्न या फिर मोटे आनाज को स्कूली बच्चों के खाने
में शामिल कर सके। वहीं, पीएम पोषण के दायरे में अब प्री-प्राइमरी के बच्चे
भी शामिल होंगे। यानी उन्हें भी स्कूलों में अब पोषण युक्त भोजन मिलेगा।
तिथि भोजन की मुहिम को बढ़ावा देने का फैसला
पोषण
मुहिम में सरकार ने स्कूली बच्चों के बीच आपसी जुड़ाव बढ़ाने के लिए तिथि
भोजन की पहल को भी तेजी से आगे बढ़ाने का फैसला लिया है। इसमें स्कूली
बच्चों को महीने में कम से कम एक दिन या विशेष अवसरों पर घर से खाने का एक
और टिफिन लाना होगा जो वे आसपास के किसी दूसरे स्कूल में जाकर बच्चों को
खिलाएंगे। साथ ही उसके साथ अपना टिफिन भी खाएंगे। नई स्कीम में स्कूलों में
शुरू हुई पोषण बगीचे की मुहिम को रफ्तार देने पर भी जोर दिया गया है,
जिसमें ताजी सब्जियां आदि उगाई जाती हैं।
कुपोषण
के खतरे से निपटने के लिए हम हरसंभव काम करने को प्रतिबद्ध हैं। पीएम-पोषण
को लेकर केंद्रीय मंत्रिमंडल का निर्णय बहुत अहम है और इससे भारत के युवाओं
का फायदा होगा।
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