वाराणसी : संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों में शिक्षकों का टोटा बना हुआ है। इसे देखते हुए शासन संस्कृत विद्यालयों की तर्ज पर महाविद्यालयों में भी अब संविदा पर शिक्षकों की नियुक्ति करने की तैयारी कर रहा है ताकि फौरी तौर पर शिक्षकों की कमी पूरी की जा सके। वहीं स्थायी अध्यापकों की नियुक्ति के लिए परामर्श किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ ने यह जानकारी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरेराम
त्रिपाठी को दी। वह मुख्यमंत्री से मिलने बुधवार को लखनऊ में गए थे। सीएम
आवास में हुई मुलाकात के दौरान कुलपति ने महाविद्यालयों में शिक्षकों की
नियुक्ति, छात्रवृत्ति की राशि, पांडुलिपियों के संरक्षण के लिए अलग से बजट
देने, वेतन के मद में 35 करोड़ रुपये अनुदान करने सहित अन्य मुद्दों पर
चर्चा की। मुख्यमंत्री ने बताया कि छात्रवृत्ति की राशि बढ़ाने की
प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वहीं वेतन मद में अनुदान बढ़ाने के लिए
उन्होंने वित्त अधिकारी से विस्तृत प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया है। साथ
ही विश्वविद्यालय को भ्रष्टाचारमुक्त व पारदर्शी व्यवस्था अपनाने का भी
सुझाव दिया है। खास तौर पर परीक्षा, संबद्धता, प्रमाणपत्रों के सत्यापन
व्यवस्था को और पारदर्शी बनाने के लिए डिजिटल करने का निर्देश दिया है।
कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय को डिजिटल बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी
गई है। शास्त्री-आचार्य की परीक्षाएं हो चुकी है। छात्रों की कापियों का
मूल्यांकन भी हो चुका है। रिजल्ट जल्द जारी करने की तैयारी चल रही है।
संबद्ध कालेजों की कापियों का मूल्यांकन दो सितंबर से शुरू होने का जा रहा
है।
’सीएम से मिले संस्कृत विवि कुलपति, की विभिन्न मुद्दों पर वार्ता
’स्थायी नियुक्ति के लिए विधि विशेषज्ञों से जा रहा किया परामर्श
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