प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की ओर से शिक्षक
भर्ती परीक्षा में विषयवार केंद्र आवंटित किए जाने की व्यवस्था का
प्रतियोगी छात्रों ने विरोध किया। केंद्र आवंटन में विसंगति के कारण महिला
अभ्यर्थियों को पांच सौ किलोमीटर की दूरी तक केंद्र आवंटित किए जा रहे हैं।
कोविड काल में इतनी दूर केंद्र आवंटित किए जाने के कारण तमाम अभ्यर्थी
परीक्षा में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। नतीजा कि कुछ दिनों पहले आयोग
प्रवक्ता जीआईसी की परीक्षा 68 फीसदी अभ्यर्थियों ने छोड़ दी।
राजकीय
आश्रम पद्धति इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता के पदों पर भर्ती को लेकर अगली
परीक्षा होनी है। यह परीक्षा 26 सितंबर को प्रस्तावित है। इसमें भी लखनऊ और
प्रयागराज में विषयवार केंद्र आवंटित किए गए हैं। प्रयागराज में रसायन
विज्ञान एवं गणित और लखनऊ में भौतिक विज्ञान एवं जीव विज्ञान विषय के
अभ्यर्थियों के लिए केंद्र बनाए गए हैं। आयोग ने पॉलीटेक्निक संस्थानों में
विभिन्न विषयों प्रवक्ता के 1254, प्रधानाचार्य के 13, कर्मशाला अधीक्षक
के 16 और पुस्तकालयाध्यक्ष के 87 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया
है। इस भर्ती के लिए परीक्षा 12 दिसंबर को प्रस्तावित है। इस भर्ती के
लिए बड़ी संख्या में आवेदन आने की उम्मीद है। अगर इसमें भी विषयवार केंद्र
आवंटित किए गए तो अभ्यर्थियों के लिए मुश्किल हो सकती है।
इस
मसले पर प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय
ने आयोग के अध्यक्ष को पत्र लिखकर मांग की है कि आयोग की ओर से आयोजित की
जाने वाली शिक्षक भर्ती की परीक्षाओं में विषयवार केंद्र निर्धारण की
व्यवस्था निरस्त की जाए। प्रशांत ने अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा है कि हर
जिले में प्रत्येक विषय के अभ्यर्थी रहते हैं, लेकिन आयोग एक विषय के
परीक्षा केंद्र किसी एक जिले में निर्धारित कर रहा है। ऐसे में बाकी विषयों
के अभ्यर्थियों को परीक्षा देने के लिए दूर जाना पड़ रहा है। कोविड के
कारण अभ्यर्थी पब्लिक ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल बच रहे हैं। इसलिए परीक्षाओं
में अभ्यर्थियों की उपस्थिति प्रभावित हो रही है। अभ्यर्थियों ने मांग की
है कि उन्हें उनके जिले में केंद्र आवंटित किए जाएं।
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