बरेली। परिषदीय स्कूलों के सत्र जी का शुभारंभ हुए तीन माह बीत चुके
हैं। ग्रीष्मावकाश के बाद सितंबर भी लगभग पार हो गया है मगर इन स्कूलों में
बच्चे बिना जूते, ड्रेस और बैग के पढ़े रहे हैं। अभी तक एक भी स्कूल में
ड्रेस, जूते और बैग का वितरण नहीं हुआ है, जबकि वितरण 15 जुलाई तक होना था।
कायाकल्प
योजना में बरेली को अव्वल बताया गया कॉन्वेंट स्कूलों से तुलना करके
बच्चों को परिषदीय स्कूलों में बेहतर शिक्षा दिलाने के तमाम दावे किए गए
लेकिन ये सब कागजी रहा। दावा था कि जुलाई में बच्चों को जूते, ड्रेस उपलब्ध
करा दिए जाएंगे मगर सितंबर में भी बादा पूरा नहीं हुआ। इस बार जूते, बैग
और यूनिफार्म खरीदने के लिए धनराशि सीधे बच्चों के खाते में भेजी जानी है।
इसमें भी लापरवाही सामने आ रही है। जिले में 3 लाख 26 हजार 184
छात्र-छात्राओं के लिए पैसा ट्रांसफर होना है। इनकी सूचना भी
प्रेरणा
पोर्टल पर अपलोड की जानी है। विभागीय लापरवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया
जा सकता है कि अभी तक प्रेरणा पोर्टल पर दो हजार छात्र-छात्राओं का ब्योरा
भी अपलोड नहीं हो सका है। बीएसए विनय कुमार का कहना है कि सभी ब्लाकों से
सूचना मांगकर पोर्टल पर अपलोड की जा रही है। जल्द ही बच्चों को यूनिफार्म,
जूते-मोजे और बैग उपलब्ध कराए जाएंगे।
देरी से यूनिफार्म मिलना नई बात नहीं
परिषदीय
विद्यालयों में देरी से यूनिफार्म मिलना कोई नई बात नहीं है। यह हर साल
होता है। खास बात है कि हर साल शिक्षा विभाग इसके कई कारण भी गिनाता है
लेकिन आज तक बच्चों को समय पर यूनिफार्म या स्वेटर उपलब्ध नहीं कराया गया
है। अभी तक इस नहीं मिली है और अगले एक से डेढ़ माह में सर्दी शुरू हो
जाएगी। इसी तरह चलता रहा तो सर्दी निकल जाने तक बच्चों तक स्वेटर नहीं
पहुंच पाएगा।
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