लखनऊ : राजधानी के शहरी क्षेत्र में 252 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं, उनमें 45 स्कूल ऐसे हैं जहां शिक्षक नहीं हैं। शिक्षामित्र या फिर दूसरे विद्यालय के शिक्षक को संबद्ध करके उन्हें जैसे-तैसे चलाया जा रहा है। कई स्कूल ऐसे भी हैं जहां एक शिक्षक ही कार्यरत है।
सिर्फ
लखनऊ ही नहीं, प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के शहरी क्षेत्र
में 101 विद्यालय हैं, उनमें 26 स्कूल एकल शिक्षक के भरोसे हैं। ऐसा ही हाल
अन्य महानगरों व जिला मुख्यालयों का है। गांवों में कई ऐसे विद्यालय हैं
जहां छात्रों की अपेक्षा शिक्षक अधिक तैनात हैं या फिर पर्याप्त संख्या में
शिक्षक हैं। आमतौर पर शहर में सुविधाएं व गांव संसाधनविहीन मिलते हैं
लेकिन, बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों की तस्वीर बिल्कुल उलट है। ऐसा भी
नहीं है कि प्राथमिक स्कूलों के लिए भर्तियां नहीं हुई, योगी सरकार का
दावा है कि सवा लाख शिक्षक नियुक्त किए जा चुके हैं। स्कूलों में
छात्र-शिक्षक अनुपात गड़बड़ाने की वजह शिक्षकों का कैडर है।
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