बागपत। बागपत। जिले में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ी हुई है। अधिकारियों के सख्ती करने के बावजूद भी शिक्षक-शिक्षिकाएं सुधरने को तैयार नहीं है। हालात ऐेसे है कि शिक्षक समय से स्कूल नहीं पहुंचते। किसी स्कूल में सुबह को बच्चों से झाड़ू लगवाई जाती है तो कहीं कूड़ा उठवाया जाता है। सबसे ज्यादा हालात दोपहर को खराब होते है। मिड-डे-मील खाने के बाद बच्चों से बर्तन धुलवाए जाते है।
स्कूलों में सुबह को झाडू् लगाते व कूड़ा उठाते मिले बच्चे
विद्यालय
खुलने का समय सुबह नौ बजे का है। शुक्रवार सुबह को पूर्व माध्यमिक
विद्यालय फतेहपुर में बच्चे झाडू़ लगाते हुए मिले। अहैड़ा के प्राथमिक
विद्यालय में बच्चे डस्टबिन हाथ में लेकर कूड़ा उठा रहे थे। सिसाना के
कंपोजिट विद्यालय में अधिकतर शिक्षिकाएं दिल्ली से आती है, जो वहां देरी से
पहुंची। खेकड़ा के प्राथमिक विद्यालय नंबर चार में शिक्षिकाओं के देरी से
पहुंचने के कारण बच्चे कक्षाओं के बाहर खड़े रहे तो प्राथमिक विद्यालय नंबर
एक में कक्षाओं के बाहर बैठे रहे। बड़ौत के प्राथमिक विद्यालय बाल विद्या
मंदिर में शिक्षकों के समय पर नहीं आने के कारण कारण कुछ बच्चे बाहर बैठे
रहे तो अन्य कक्षाओं में शिक्षकों का इंतजार करते रहे।
शिक्षक-शिक्षिकाओं के सामने बर्तन धोते है बच्चे
स्कूलों
में दोपहर साढ़े 12 बजे को बच्चों को मिड-डे-मील दिया जाता है। मिड-डे-मील
को देने के बाद बच्चों से बर्तन धुलवाए जाते है। यह किसी एक स्कूल में
नहीं होता है, बल्कि अधिकतर स्कूलों में यह हाल है कि बच्चे दोपहर में
शिक्षक-शिक्षिकाओं के सामने बर्तन धोते है। बागपत बीआरसी में स्थित
प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक-शिक्षिकाओं के सामने ही
बच्चे झूठे बर्तन धोने में लगे थे। शिक्षक-शिक्षिकाएं आराम से बच्चों को
बर्तन धोते हुए खड़े होकर देख रहे थे। बागपत के पुराने कस्बे में सुभाष गेट
के पास प्राथमिक विद्यालय में अंदर से ताला लगा हुआ था और बच्चे नल पर
मौजूद थे। काफी देर तक भी कोई गेट खोलने नहीं पहुंचा। सिंघावली अहीर के
प्राथमिक विद्यालय नंबर एक में मिड-डे-मील खाते बच्चों के पास कुत्ते भी
मुंह मार रहे थे, जबकि शिक्षिकाएं कमरों में आराम से बैठी थी। प्राथमिक
विद्यालय शेखपुरा में भी बच्चे बर्तन साफ कर रहे थे। अग्रवाल मंडी टटीरी के
प्राथमिक विद्यालय नंबर एक में व्यवस्था ठीक मिली और वहां रसोइया ही बर्तन
की धुलाई करती मिली।
किसी स्कूल में अगर केवल बच्चों से झाडू़
लगवाई जा रही थी तो यह गलत है। स्कूलों में मिड-डे-मील के झूठे बर्तन
बच्चों से धुलवाए जाते है तो यह शिक्षक-शिक्षिकाओं की बड़ी गलती है। इसकी
जांच कराई जाएगी और जिन स्कूलों में ऐसा हो रहा है, उनके खिलाफ कार्रवाई की
जाएगी। स्कूलों में अव्यवस्था किसी भी हालत में नहीं होने दी जाएगी। -
राघवेंद्र सिंह, बीएसए।
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