लॉकडाउन के दौरान यूपी के सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या में 13.2 फीसदी का इजाफा हुआ है। यह पूरे देश में सबसे ज्यादा है। वहीं लॉकडाउन में पढ़ाई करवाने के लिए बड़ी संख्या में अभिभावकों ने स्मार्ट फोन भी खरीदे हैं। 2018 में जहां 30.4 फीसदी अभिभावकों के पास स्मार्टफोन था वहीं अब यह संख्या बढ़ कर 58.9 फीसदी हो गई है। असर (एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट) 2021(ग्रामीण) के सर्वे में ये आंकड़े सामने आए हैं। इससे पहले 2018 में सर्वे हुआ था।
प्रदेश
में 2018 में 43.1 फीसदी बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ रहे थे और अब 56.3
फीसदी पंजीकृत हैं। नामांकन 13.2 बढ़ा है। यूपी में 2018 में 39.8लड़के व
46.7 लड़कियां सरकारी स्कूलों में थी तो 2021 में 54.8 लड़के और
58.1लड़कियां सरकारी स्कूलों में पंजीकृत हैं। स्कूल खुलने के बाद यूपी में
91.3 विद्यार्थियों के पास किताबें उपलब्ध हैं।
यूपी के 58.7 फीसदी घरों में हैं स्मार्ट फोन
लोगों
के पास स्मार्ट फोन उपलब्धता में भारत का औसत 67.6 फीसदी है वहीं यूपी में
58.9 फीसदी घरों में स्मार्ट फोन है। 2018 में 30.4 प्रतिशत व 2020 में
53.7 फीसदी घरों में स्मार्टफोन था। हालांकि यह बात अलग है कि इनमें से
34.3 फीसदी को यह पढ़ाई के लिए नहीं मिलता है। स्मार्टफोन 18.7 फीसदी
विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए दिया गया है। 47 फीसदी बच्चों के अभिभावक
कभी पढ़ाई के लिए स्मार्टफोन देते हैं और कभी नहीं। बच्चों को मोबाइल न
देने वालों में बिहार, पश्चिमी बंगाल व झारखण्ड के बाद यूपी चौथे नंबर पर
है।
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