प्रतापगढ़। फर्जी डिग्री पर नौकरी करने वाली शिक्षिका के अभिलेखों की
जांच करने में बेसिक शिक्षा विभाग को 16 साल लग गए। विभागीय जांच में
बीटीसी की डिग्री फर्जी मिलने पर शिक्षिका की सेवा समाप्त कर दी गई है।
बीएसए ने बीईओ भारती त्रिपाठी को कंधई थाने में मुकदमा दर्ज कराने को कहा
है।
जिले
के बेलखरनाथधाम ब्लॉक के प्राइमरी स्कूल पाइकनगर में तैनात शिक्षिका
राजकुमारी की बीटीसी की डिग्री फर्जी मिली है। फर्जी डिग्री की शिकायत तो
कई बार हुई, मगर जब मामला अधिकारियों के पास जाता, तो शिकायत करने वालों को
जांच कराकर कार्रवाई करने का आश्वासन देकर वापस कर देते थे। राजकुमारी ने
31 अक्तूबर 1995 में सुल्तानपुर जिले में फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी
हासिल की थी। 29 अप्रैल 2004 को वह सुल्तानपुर से तबादला कराकर बेल्हा में
तैनाती पाई।
राजकुमारी का मूल निवासी वर्तमान
तैनाती स्थल ही है। पंजाबी कालोनी के राम नारायण की शिकायत पर बीएसए ने
बीटीसी डिग्री की जांच कराई तो पता चला कि जिस क्रमांक पर शिक्षिका को
डिग्री मिली हुई है, वह विश्वराजनी पुत्री हंसराज के नाम जारी की गई है।
प्रभारी बीएसए सुधीर कुमार सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए शिक्षिका
की सेवा समाप्त करते हुए बेलखरनाथधाम की बीईओ भारती त्रिपाठी से कंधई थाने
में फर्जीवाड़े का मुकदमा दर्ज करने को कहा है।
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