लखनऊ। एसटीएफ की अलग अलग टीमें उन 20 लोगों की भी तलाश कर रही है
जिनके नाम रविवार को हुई गिरफ्तारी में सामने में आए थे। 20 वांछित
अभियुक्तों में 11 सॉल्वर हैं। सूत्रों के अनुसार अयोध्या से गिरफ्तार
संदीप, रमेश और महेश के मुताबिक आधा दर्जन लोगों से संपर्क कर पैसे लेकर
सॉल्वर की व्यवस्था की गई थी। इसमें अयोध्या के आरबी एकेडमी इंटर कॉलेज में
अभ्यर्थी रंजीत के स्थान पर अमन सिंह बतौर सॉल्वर परीक्षा में बैठा था आशा
बक्स भगवान सिंह महाविद्यालय दर्शन नगर में अंकित कुमार की जगह धर्मदास,
राम सेवक इंटर कॉलेज में अनूप की जगह संतोष कुमार और ग्रामर इंटर कॉलेज
लालबाग अयोध्या में प्रबल सिंह चौहान के स्थान पर अजीत वर्मा बैठा था।
दूसरी
पाली में बृजेश कुमार सिंह की जगह विजेंद्र कन्नौजिया और सौरभ सिंह के
स्थान पर त्रिवेंद्र सिंह को परीक्षा देनी थी। एसटीएफ पहुंचती इससे पहले ही
परीक्षा स्थगित हो गई। पूछताछ में पता चला कि अयोध्या से गिरफ्तार रमेश 26
नवंबर को उत्तराखंड में हुई टीईटी में पप्पू आर्या के स्थान पर बैठा था।
गिरफ्तार संदीप शिवपाल को जगह परीक्षा देने गया, जबकि रमेश उमानंद के स्थान
पर बैठा था। वहीं, प्रयागराज में पकड़े गए अजय घटनाक्रम का अहम किरदार है।
यहीं से गिरफ्तार रंजय और ललित ने बताया कि वाराणसी के सोनू ने बिहार से
सॉल्वर बिट्टू और ललित को बुलाया था। वहीं मेरठ में एसटीएफ ने सोमवार देर
रात बड़ीत से राहुल को गिरफ्तार किया है।
एसटीएफ की टीम पहुंची
सचिवालय, पूछताछ
लखनऊ।
शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पेपर लौक मामले में एसटीएफ की टीम ने
सचिवालय के कई कर्मचारियों से पूछताछ की है। इस गिरोह का सक्रिय सदस्य
संतोष यादव है जिसकी तलास टीम लगातार कर रही है। खरगापुर का रहने वाला
संतोष सचिवालय में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग में संविदा पर
नोकरी करता है। इसी विभाग का एक बर्खास्त कर्मचारी ही पेपर लीक गिरोह का
सरगना है। जिसकी मदद से संतोष इस गिरोह से जुड़ा था कौशलेंद्र ने पूछताछ
में सचिवालय से जुड़े तार का खुलासा किया था। उसके पास से खाद्य सुरक्षा
एवं प्रशासन विभाग का परिचय पत्र मिला। एसटीएफ के अधिकारी के मुताबिक
कौशलेंद्र के मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली गई है। जिससे पता चला कि दो दिन
27 व 28 नवंबर की कौशलेंद्र व संतोष यादव के बीच कई बार बातचीत हुई।
आईएएस
की परीक्षा में फेल हुआ तो बन गया ठग.. एसटीएफ की गिरफ्त में आया
कौशलेंद्र राय का सपना आईएएस बनने का था। लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया,
असफल हो गया। यह बात एसटीएफ से पूछताछ में कौशलेंद्र ने बताई जब वह
प्रतियोगी परीक्षाओं में फेल हो गया तो परीक्षा पास कराने वाले गिरोह का
सदस्य बन गया।
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