फ़र्जी शिक्षकों को लेकर सख्त हुए जिलाधिकारी विजय किरन आनंद, वेतन वसूल और मदद करने वाले के खिलाफ कार्रवाई के आदेश
गोरखपुर:
जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने फर्जी शिक्षकों को लेकर कड़ा रुख अख्तियार
किया है। उन्होंने फर्जी शिक्षकों को दिए गए वेतन की वसूली का निर्देश जारी
किया है।साथ उनकी नियुक्ति में सहयोग करने वालों को चिन्हित कर जेल भेजने
की योजनाओं भी बनाई है। जिलाधिकारी सभागार में आयोजित एक बैठक में
जिलाधिकारी ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को बताया कि पांच मार्च को पहली
फर्जी नियुक्ति पर मुकदमा दर्ज किया गया था। तब से लेकर अबतक 92 फर्जी
शिक्षक पकड़े जा चुके हैं, इनमें से 84 के ऊपर जिले के विभिन्न थानों में
मुकदमा दर्ज़ किया जा चुका है।
फर्जी शिक्षकों की चार्जशीट शीघ्र न्यायालय भेजने का निर्देश
उन्होंने
यह भी बताया कि 92 फर्जी शिक्षकों में 32 की जांच एसटीएफ को सौंप दी गई
है। इनमें 24 गोरखपुर के तो छह आगरा के फर्जी शिक्षक हैं। एसटीएफ ने जांच
शुरू भी कर दी है और अपनी जांच का दायरा समूचे प्रदेश में नियुक्त हुए
फर्जी शिक्षकों तक बढ़ा दिया है। एसटीएफ ने प्रदेश के अन्य जिलों से 76
फर्जी शिक्षकों को चिन्हित करके रिपोर्ट भी प्रस्तुत किया है। डीएम ने खंड
शिक्षा अधिकारियों से कहा कि वह जल्द से जल्द फर्जी शिक्षकों की चार्जशीट
न्यायालय को भेज दें, जिससे कि उनके द्वारा अर्जित किए गए वेतन की वसूली की
जा सके।
बढ़ेगा जांच का दायरा
जिलाधिकारी
ने यह भी कहा कि जिले में इस बाबत जांच का दायरा बढ़ाया जाएगा। शिक्षकों
की फर्जी नियुक्ति में सहयोग करने वालों को चिन्हित कर उनपर मुकदमा दर्ज
कराया जाएगा और जेल भेजवाया जाएगा, जिससे आगे से कोई ऐसा करने की हिम्मत न
कर सके। उन्होंने बताया कि शिक्षक की फर्जी नियुक्ति का पहला मामला तब
सामने आया, जब एक ही पैन कार्ड एक ही नाम के दो व्यक्ति नौकरी करते पाए गए।
मामला तब उजागर हुआ जब सही व्यक्ति अपना आइटीआर जमा करने गया। बैठक में
एडीएम प्रशासन पुरुषोत्तम दास गुप्ता, पुलिस अधीक्षक क्राइम डा. महेंद्र
पाल सिंह आदि मौजूद रहे हैं।
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